4 शिक्षक सस्पेंड : राजधानी में प्रदर्शन करना शिक्षकों को पड़ा भारी, 64 पर कार्रवाई की तैयारी, 4 अब तक सस्पेंड, इधर डरे शिक्षक फोटो डिलीट करने में जुटे

बेतिया। राज्य सरकार के फरमान के बाद भी प्रदर्शन में शामिल होना शिक्षकों को भारी पड़ गया। विभाग की तरफ से शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है। बेतिया में 64 शिक्षकों को चिन्हित किया गया है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रहीहै। इनमें से चार शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के किसी भी धरना प्रदर्शन व सरकार विरोधी अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगा दिया है।

इधर, शिक्षा विभाग के रोक के बावजूद पटना में हुए शिक्षक आंदोलन में जिले के 64 शिक्षक शामिल हुए थे। 64 शिक्षकों में 4 नियमित शिक्षक हैं जबकि 60 नियोजित शिक्षक हैं। नियमित शिक्षकों को कार्यालय से निलंबन का पत्र जारी कर दिया गया है। नियोजित शिक्षकों के मामले में संबंधित नियोजन इकाइयों को चिह्नित शिक्षकों को निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।

प्रदर्शनकारी राज्य की पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के तहत भर्ती किए गए संविदा शिक्षक (नियोजित शिक्षक) हैं। 11 जुलाई को राज्य के नियोजित शिक्षकों ने पटना में प्रदर्शन किया था। उनका इरादा बिहार विधानसभा मार्च का था। हालांकि, असेंबली सेशल चलने की वजह से ऐसा नहीं हो सका। पुलिस ने शिक्षकों और शिक्षक अभ्यर्थियों को गर्दनीबाग के पास ही रोक दिया था।

इधर कार्रवाई से डरे शिक्षकों ने सोशल मीडिया में पोस्ट किये अपने फोटो को डिलीट करना शुरू कर दिया है। दरअसल जो जानकारी आयी है, उसके मुताबिक ज्यादातर कार्रवाई सोशल मीडिया में पोस्ट की गयी तस्वीर के आधार पर ही की गयी है। लिहाजा, नियोजित शिक्षक सोशल मीडिया से प्रदर्शन के दिन के फोटो को डिलीट कर रहे हैं। इधर शिक्षा विभाग की कार्रवाई का शिक्षक संघ विरोध कर रहा है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि आंदोलन उनका मौलिक अधिकार है, लेकिन सरकार उस लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है।

HPBL Desk
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