7 दिन की आग, 21 लाख करोड़ स्वाहा…एक बार फिर तेज हो सकती है लॉस एंजेलिस में तबाही!
हॉलीवुड की वजह से लॉस एंजेलिस को पूरी दुनिया जानती है. 35 किलोमीटर और 3 लाख 21 हजार एकड़ में बसे इस शहर की कुल आबादी 38 लाख है. ये वो चमकता शहर है जिसकी चमक से पूरी दुनिया चौंधिया जाती है.
बड़े-बड़े सितारों और मिलेनियर-बिलेनियर के आलीशान और महंगे घर इसी शहर में हैं. इसी शहर की दूसरी तस्वीर पिछले एक हफ्ते से पूरी दुनिया देख रही है. अपनी फिल्मों से परदे पर आग लगाने वाला हॉलीवुड आज खुद कुछ यूं आग की चपेटे में है. सिर्फ 7 दिनों में 3 लाख 21 हजार एकड़ वाला लॉस एंजलिस 40 हजार एकड़ को अपनी आंखों से खाक होते देखता रह गया.
बड़े-बड़े सितारे इसी आग की वजह से बेघर हो गए. हजारों आशियाने जलकर खाक हो गए. सिर्फ सात दिनों की इस आग ने लगभग 250 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानि 20 लाख करोड़ रुपए की मिल्कियत को स्वाहा कर दिया. ये रकम 3 साल के भारतीय डिफेंस बजट से भी कहीं ज्यादा है. पिछले सात दिनों से यानि 7 जनवरी से लॉस एंजलिस सुलग रहा है. इसी के साथ ये सुलगता सवाल भी पूछा जा रहा है कि आखिर क्या वजह है अमेरिका इस आग के आगे बेबस है.
सात दिन बाद भी इस आग पर काबू क्यों नहीं पाया जा सका है. उससे भी सुलगता सवाल ये कि इस आग की शुरुआत कैसे हुई. तो चलिए सिलसिलेवार इन सुलगते सवालों के जवाब जानते हैं. 7 जनवरी की दोपहर लॉस एंजलिस में इस आग की शुरुआत एक बीच किनारे बने आलीशान घरों से हुई. मैलिबू के करीब पैसिफिक पैलिसेड्स इलाके में बीच किनारे तमाम आलीशान घर बने थे. दोपहर का वक्त था. हवा की रफ्तार बेहद तेज थी. लगभग 50 से 60 मील प्रति घंटा.
चश्मदीदों की मानें तो लाइटनिंग यानि बिजली के गिरने की कोई घटना भी नहीं हुई थी. लॉस एंजलिस में आग लगने की सबसे बड़ी वजहों में से हमेशा एक अहम वजह लाइटनिंग को ही मानी जाती है. लेकिन 7 जनवरी को कोई लाइटनिंग नहीं हुई थी. बल्कि इस आग की शुरुआत एक घर से हुई. जो ठीक बीच के सामने था. इसके बाद देखते ही देखते उस बीच के किनारे जितने भी घर थे. एक एक कर धूं-धूं जल उठे. हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि आग पर काबू पाना नामुमकिन हो चुका था.
लॉस एंजेलिस फायर डिपार्टमेंट के चीफ क्रिस्टेन क्रॉली के मुताबिक पेसिफिक पैलिसेड्स में पहले ही दिन आग से कुल 53 सौ घर जलकर खाक हो गए. यानि आग ने पहला कहर पानी के नजदीक. समंदर के सामने बने घरों पर ढाया. इस आग ने कुल 23 हजार 700 एकड़ के दायरे में मौजूद हर चीज को जला दिया था. पैसिफिक पैलिसेड्स में लगी आग में 8 लोगों की जाने गईं. 8 जनवरी की तारीख आ गई थी. पैसिफिक पैलिसेड्स से 50 मील की दूरी पर फिर एक आग पकड़ती है.
लॉस एंजेलिस के पूर्व की तरफ ईटन के पैसाडीना और अल्ट्राडीना में लगी इस आग ने लगभग 14 हजार एकड़ को अपने चपेट में ले लिया. देखते ही देखते 7 हजार स्ट्रक्चर जलकर खाक हो गए. जिस वक्त यहां आग लगी तब यहां आग की रफ्तार 60 मील प्रति घंटा से कहीं ज्यादा थी. ईटन फायर कैलिफॉर्निया के इतिहास का अब तक का खौफनाक फायर था. यहां लगी आग में अब तक कुल 16 लोगों की जान जाने की खबर है. 8 जनवरी को ही लॉस एंजेलिस में एक और जगह आग लगी.
ये जगह थी एंटीलोप वैली. ये आग शाम को उस वक्त फैली जब हवा की रफ्तार बेहद तेज थी. इस आग ने 348 एकड़ का पूरा एरिया जलाकर खाक कर दिया. कैलिफॉर्निया के उत्तर में सैन फर्नांडो के करीब चौथी आग भड़की. इस आग ने कुल 855 एकड़ इलाके को लगभग भस्म कर दिया. सैन फर्नांडो के बाद कैनथ इलाके के कैलाबैसेस और हिडन हिल्स में अचानक आग लगती है. आग लगने के दौरान हवा की रफ्तार बहुत तेज थी. इस आग ने 960 एकड़ की चपेट में ला दिया.
इस छठी आग सनसेट के वक्त लॉस एंजेलिस की सबसे मशहूर जगह हॉलीवुड हिल्स पर लगी. यही वो आग थी जिसने पहली बार दुनिया का ध्यान इस आग की तरफ खींचा. इस आग ने हॉलीवुड के बड़े-बड़े दिग्गजों के आलीशान आशियानों को मटियामेट करके रख दिया. बड़े-बड़े सितारों को जान बचाकर अपने घरों से भागना पड़ा. चूंकी ये पूरा इलाका पहाड़ी पर बसा है, इसलिए यहां हवाओँ की रफ्तार हमेशा ही तेज रहती है. हॉलीवुड हिल्स पर लगी आग में 7 हजार स्ट्रक्चर पूरी तरह से जल गए.
लॉस एंजेलिस के उत्तर में सैन फर्नांडो के करीब हर्स्ट इलाके में सातवीं आग लगी थी. इस आग ने 799 एकड़ एरिया को जलाकर खाक कर डाला. -ये तो रही उन सात इलाकों की बात, जहां आग ने सबसे ज्यादा कहर ढाया. अब भी इनमें से कुछ इलाकों में आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है. 40 हजार एकड़ का इलाका आग से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इसके चलते अब तक डेढ़ लाख लोगों को उनके घरो से निकालकर सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है.
यहां सबसे बुरी खबर ये है कि आग का खतरा अभी टला नहीं है. नेशनल वेदर सर्विस फोरकास्ट ने चेतावनी दी है कि इस हफ्ते आग से प्रभावित इलाकों की हालत और भी बद्तर हो सकती है. मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक मंगलवार की सुबह हवा की रफ्तार माउंनटेन एरिया में 70 मील प्रति घंटा की रफ्तार से भी कहीं ज्यादा होने की उम्मीद है. इसी को देखते हुए ये अंदेशा जताया गया है कि मंगलवार को लॉस एंजलिस में आग की घटनाएं कहीं ज्यादा बढ़ सकती हैं.
मंगलवार के अलावा बुधवार के लिए भी मौसम विभाग ने रेड फ्लैग वॉर्निंग जारी की है. रेड फ्लैग वॉर्निंग का मतलब ही है खतरा. हालांकि मौसम विभाग का अब भी यही मानना है कि बुधवार से कहीं ज्यादा बड़ा खतरा मंगलवार को है. इसी खतरे के मद्देनजर मौसम विभाग ने लॉस एंजलिस के लोगों से मंगलवार को अपने अपने घरों में रहने लेकिन सतर्क रहने की सलाह दी है. हालांकि अभी तक लोगों को अपने अपने घर खाली कर सुरक्षित जगहों पर जाने की कोई सलाह नहीं दी है.
एक तरफ कैलिफॉर्निया की इस आग को बुझाने की भरपूर कोशिश हो रही है. तो वहीं दूसरी तरफ कई पड़ोसी देश भी मदद को आगे आ रहे हैं. कैलिफॉर्निया के पड़ोसी मैक्सिको ने लॉस एंजलिस में आग बुझाने के लिए अपने फायर फाइटर्स भेजे हैं. उधर दूसरी तरफ बाकायदा आग के कारणों की जांच के लिए एक साथ कई टीमें काम कर रही हैं. हालांकि आखिरी जांच रिपोर्ट आने में अभी वक्त लगेगा. लेकिन शुरुआती जांच के मुताबिक आग लगने के कुछ खास कारण हो सकते हैं.
इनमें से सबसे बड़ा कारण फिलहाल लाइटनिंग. यानि बिजली गिरने को माना जा रहा है. कैलिफॉर्निया में आग लगने की सबसे ज्यादा घटना लाइटनिंग की वजह से ही होती है. लाइटनिंग के अलावा मौसम के बदलते मिजाज को भी एक कारण माना जा रहा है. कैलिफॉर्निया में गर्मियों में तापमान बहुत ज्यादा हो जाता है. इसकी वजह से जंगल पेड़ और झाड़ियां सूख जाती हैं. ऐसे एक छोटी सी चिंगारी भी आग का सबब बन जाती है. कैलिफॉर्निया में लंबे वक्त से सूखा पड़ा था.
इस सूखेपन को भी आग की एक वजह मानी जा रही है. लॉस एंजलिस और उसे आसपास जो तेज हवाएं बहती हैं. उनमें से एक है सांता ऐना. सांता ऐना जैसी तेज हवाएं भी आग को भड़काने या फैलाने में काफी मदद करती है. इसी बेकाबू हवा की वजह से आग सैकड़ों एकड़ तक फैल सकती है. हवा की स्पीड की वजह से हवा की दिशा और रफ्तार आग को कंट्रोल करने में दुश्वारियां पैदा करती हैं. कैलिफॉर्निया के जंगलों की आग अमूमन इसी तरह की होती है.
कैलिफॉर्निया के जंगलों के खास पेड़ पौधे भी कई बार आग को फैलाने में बड़ी भूमिका निभा जाते हैं. इन पेड़ पौधों में ओक्स और पाइन्स जैसे पेड़ भी शामिल है. जिनकी पत्तियों और शाखाओं में तेल होता है. जो आग को तेजी से फैलाने में मदद करता है. वैसे आग लगने की एक वजह इंसानी गलतियां भी हो सकती हैं. कई बार लोग जंगलों में कैंपिंग करते वक्त आग की चिंगारी छोड़ देते हैं. सिगरेट के टुकड़े की शक्ल में या बिजली के तारों से निकली चिंगारी की सूरत में.
जंगलों के करीब बसी आबादी भी जंगलों में लगने वाली आग के लिए कई बार जिम्मेदार होती है. इस बीच आग की मार के साथ-साथ लॉस एंजेलिस के लोगों को एक और मार भी सहनी पड़ रही है. ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके घर इस आग में जल गए. लेकिन उनके घरों के फायर इंश्योरेंस ही नहीं थे. जिस पैसिफिक पैलिसेड्स से आग का ये सिलसिला शुरु हुआ अकेले उसी इलाके के 1626 घरों के इंश्योरेंस रिन्यू नहीं किए गए थे. जरा सोचिए अगर इन घरों के इंश्योरेंस होते.
इंश्योरेंस कंपनियों को कितने मिलियन या बिलियन डॉलर देने पड़ते. रहस्यमयी तौर पर कैलिफॉर्निया या अमेरिका की जितनी भी बड़ी इंश्योरेंस कंपनिया है, उन्होंने पिछले दो सालों में बहुत से लोगों के फायर इंश्योरेंस को रिन्यू करने से ही मना कर दिया था. कैलिफॉर्निया की सबसे बड़ी होम इंश्योरेंस कंपनी स्टेट फॉर्म जनरल ने पिछले साल मार्च में ये ऐलान कर दिया था कि वो 30 हजार घरों के इश्योंरेंस को रिन्यू नहीं करेगी. इन घरों के इश्योंरेंस सचमुच रिन्यू नहीं हुए.
इनमें से बहुत से घर इसी आग की भेंट चढ़ गए. अब इंश्योरेंस न होने की वजह से उन्हें कोई क्लेम भी नहीं मिल सकता. कैलिफॉर्निया समेत अमेरिका में ज्यादातर लोग EMI पर ही घर खरीदते हैं. अमेरिकी सरकार लोगों को क्रेडिट. यानि कर्ज पर जिंदगी जीने के लिए प्रोत्साहित करती है. यही वजह है कि अमेरिका में जरुरत की लगभग हर चीज लोग क्रेडिट पर लेते हैं. चाहे वो घर हो, गाड़ी हो, मोबाइल हो. और यहां तक की इंश्योरेंस का EMI ही क्यों ना हो..
स्टेट फॉर्म जनरल के अलावा चुब्ब नाम की इंश्योरेंस कंपनी ने 2021 से ही हाई वैल्यूज़ घरों के होम इंश्योरेंस को रिन्यू करने पर रोक लगा दी थी. वजह बढ़ती आग की घटनाओँ को बताया गया था. ऑल स्टेट नाम की इंश्योरेंस कंपनी ने 2022 से ही नए होम इंश्योरेंस पर रोक लगा रखी है. टोक्यो मैरिन अमेरिका इंश्योरेंस कंपनी और ट्रांस पैसिफिक इश्योंरेंस कंपनी ने 2024 से ही होम इंश्योरेंस बंद कर रखा है. 7 जनवरी की आग से पहले लॉस एंजलिस के 10 हजार से ज्यादा स्ट्रक्चर ऐसे थे.
आग बुझाना हमेशा आग लगाने से कहीं ज्यादा मुश्किल होता है. अमेरिका में लगी आग को बुझाना सुपर पावर के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. सात दिनों से लॉस एंजलिस आग में झुलस रहा है. आग की वजह कुछ और है. आग की चपेट में आए इलाके भी अलग अलग है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से लॉस एंजेलिस में लगी इस आग को सोशल मीडिया पर गाजा में लगी आग और उसकी तबाही और बर्बादी से जोड़कर परोसा जा रहा है. एक तबका वो है जो लॉस एंजलिस और गाजा में लगी आग में समानताएं तलाश रहा है. ये तबका इन दोनों ही जगहों पर हुई बर्बादी को कुदरत और बदले की नजर से भी दिखा रहा है.
हालांकि ये दोनों ही आग और आग की सच्चाई एक-दूसरे से बिल्कुल जुदा हैं. गाजा के लोगों ने भी अपने घरों को खोए, बेघर हुए, जानें गवाईं. तो वहीं लॉस एंजेलिस में भी हजारों लोगों के घर जले, हजारों बेघर हुए. कई मौत भी हुई. गाजा में इजरायली बमबारी के चलते हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर जान बचाने के लिए इधर उधर जाना पड़ा. तो वहीं लॉस एंजलिस में भी डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा. सोशल मीडिया पर तैर रही खबरो के मुताबिक लॉस एंजलिस में लगी आग गाजा के लोगों की हाय है. दरअसल गाजा पर इजरायली हमले में अमेरिका लगातार इजरायल की मदद करता रहा है.
पिछले 15 महीनों से हमलों को झेल रहे गाजा में 47 हजार से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी है. 1 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. शहर का बुनियादी ढांचा लगभग बर्बाद हो चुका है. गाजा पर पिछले 15 महीनों में हजारों टन बम गिराए जा चुके हैं. जिसकी वजह से शहर के हर हिस्से में हर दिन धुएं का गुबार और आग की लपटे उठती दिखाई देती हैं. लेकिन लॉस एंजलिस की आग को अभी तक साजिश नहीं माना गया है. लॉस एंजलिस में पिछले कुछ सालों में सूखापन का आना.
तापमान का गर्म होना. तेज हवाओं को ही आग की वजह माना जा रहा है. बिजली गिरने या नए साल के जश्न के दौरान आतिशबाजी को भी आग के लिए जिम्मेदार ठहराने वाले कम नहीं हैं. हालांकि अभी तक पुख्ता तौर पर ये साफ नहीं हो पाया है कि आग की असली वजह क्या थी. मगर इतना तय है कि गाजा की आग और कैलिफॉर्निया की आग बिल्कुल जुदा है. पर इन दोनों से में समानता जिस वजह से लोग ढूंढ रहे हैं वो है अमेरिका. कायदे से इन दोनों आग में एक ही समानता है.