शिक्षा विभाग के 8 अधिकारियों पर गिरी गाज : सालों पहले अलग-अलग मामलो में फंसे थे, वर्षों कार्रवाई की फाइलें रही डंप….अब फाइल खुलते मचा हड़कंप
रांची। शिक्षा विभाग के 8 अधिकारियों पर गाज गिरी है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के जिन अधिकारियों पर अलग-अलग मामलों में कार्रवाई हुई है, उनमें से 5 पर रिटायरमेंट के बाद कार्रवाई होगी, जबकि एक ने वीआरएस और दो अभी भी नौकरी में हैं। इन अधिकारियों पर अलग-अलग मामलों में कार्रवाई की गयी है। जिन सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई हुई है, पूर्व में आरोप होने के बाद भी वे इस पद पर पदस्थापित रहे तथा उनके विरुद्ध तबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। एक पर तो बिहार-झारखंड के संयुक्त रहते समय में ही भागलपुर में डीएसई रहते आरोप थे।
जिन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है, उनमें दुमका के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी धर्मदेव राय, माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक रहे रामयतन राम, हजारीबाग के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक नवल किशोर, विभिन्न जिलों में जिला शिक्षा अधीक्षक रहे छठू विजय सिंह तथा तुलसीदास रिटायर हो चुके हैं। इनमें चार पदाधिकारियों के पेंशन से दो से 10 प्रतिशत की राशि एक से पांच वर्ष तक कटौती करने का निर्णय लिया गया है। इन सभी के रिटायर अधिकारियों पर शिक्षकों एवं कर्मियों की मनमाने तरीके से प्रतिनियुक्ति करने, विभागीय आदेशों की अवहेलना करने, सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदकों को समय पर सूचना नहीं देने सहित अन्य अनियमितता के आरोप थे।
वहीं हजारीबाग के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक नवल किशोर के अलावा जामताड़ा के डीएसई रहे बृजमोहन कुमार, चतरा के डीएसई रहे जीतेंद्र सिन्हा तथा गोविंदपुर डायट के प्राचार्य रहे गोपाल कृष्ण झा शामिल हैं। इनमें गोपाल कृष्ण झा वर्तमान में जामताड़ा में जिला शिक्षा पदाधिकारी हैं। इनके विरुद्ध प्रशासनिक कार्यों में शिथिलता तथा कर्त्तव्य के पालन में लापरवाही के आरोप थे। विभाग ने चार पदाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया है। अन्य तीन पदाधिकारियों के विरुद्ध कोर्ट मामले में विभाग को गलत जानकारी देने के आरोप थे। बृजमोहन कुमार ने वीआरएस ले लिया है जबकि जीतेंद्र सिन्हा सरायकेला खरसावां में जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।