दारोगा पिटाई मामला: राज्य में पुलिस ही सुरक्षित नहीं, तो आम आदमी कितना सुरक्षित ? बाबूलाल ने खड़े किये सवाल

रांची । रांची से एक अजीबोगरीब खबर सामने आ रही है जिसमें एक दरोगा की पिटाई का मामला सामने आया है। इसे लेकर झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा किए हैं। उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि कल राजधानी के धुर्वा इलाके में गश्ती पर गए दरोगा और जवानों की ना सिर्फ पिटाई की गई बल्कि गाड़ी जलाने की धमकी भी दी गई। गश्ती दल ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। यह है झारखंड के अपराधियों की हिम्मत। जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं तो, आम आदमी कितना सुरक्षित होगा राज्य में।

दरअसल यह घटना 17 अक्टूबर सोमवार रात करीब 11:30 बजे की है। धुर्वा में टंकी साइट टीओपी तीन के पास नितिन कुमार नामक युवक को संदिग्ध अवस्था में देखकर उससे देर रात तक घर से बाहर रहने का कारण पूछा गया इसी पर युवक भड़क गया उसने गश्ती दल के साथ अभद्रता शुरू कर दी पुलिस ने सख्ती दिखाई तो वह अपने भाई मां और पिताजी समेत कई लोग के साथ पहुंच गया और हाथ चलाने लगा। युवक ने दारोगा नारायण सोरेन का कॉलर भी पकड़ लिया। गाड़ी जलाने की धमकी भी दी गई। पुलिस को जान बचाकर थाना भागना पड़ा। गश्ती दल में दरोगा नारायण सोरेन के अलावा आरक्षी मनीष और चालक प्रभात कुमार थे। इस घटना के दूसरे दिन यानी 18 अक्टूबर को दरोगा नारायण सोरेन ने नीतीश कुमार, रविंद्र कुमार राय, भोला कुमार और सुधा देवी समेत पांच पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है।

इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। क्योंकि अभी तक पुलिस आरोपियों के घर पहुंची ही नहीं है। थाना प्रभारी से पूछा गया कि क्या पहले भी गश्ती दल के साथ ऐसी घटना हुई है इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा अक्सर होता है। देर रात सड़क पर बेवजह चहलकदमी के बात पूछे जाने पर कुछ लोग उलझ पड़ते हैं।

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