अफसर की लाटसाहबी तो देखिये! डैम में मोबाइल गिरा तो 21 लाख लीटर डैम से बहवा दिया, अब हुआ सस्पेंड,

कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर से अफसर की लाट साहबी का एक ऐसा मामला आया है कि सुनकर आप भी दंग रह जायेंगे। यहां एक फूड इंस्पेक्टर का मोबाइल डैम में गिर गया, तो पानी से लबालब भरे डैम को ही पंप से खाली करवा दिया। मामला मीडिया में उछलने के बाद मनमौजी फूड इस्पेक्टर की राज्य सरकार ने छुट्टी कर दी है। वहीं डैम खाली कराने का मौखिल इजाजत देने वाले जल संसाधन विभाग के SDO से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया है।

आरोप है कि मोबाइल ढूंढवाने के लिए इस फूड इंस्पेक्टर ने डैम से 21 लाख लीटर पानी बहवा दिया। ये इतना पानी था कि डेढ़ हजार हेक्टेयर एकड़ में खेतों को सिंचित किया जा सकता था। सरकारी विभाग के अफसर की मनमानी का ये मामला कांकेर जिला के परलकोट जलाशय का हैं। जानकारी के मुताबिक कोयलीबेड़ा ब्लॉक में फूड इंस्पेक्टर के पद पर राजेश विश्वास पदस्थ हैं। बताया जा रहा हैं कि रविवार 21 मई को वह दोस्तों के साथ बांध पर गए थे। यहां पार्टी करने के दौरान लापरवाही के चलते बांध के स्केल वाय के पास अफसर का डेढ़ लाख रुपए का मोबाइल पानी में जा गिरा।

फिर क्या था इसके बाद फूड इंस्पेक्टर ने अपने पद का रौंब दिखाते हुए पहले तो डैम में आसपास के ग्रामीणों और गोताखोरों से मोबाइल ढूंढने का प्रयास किया गया। सोमवार की दोपहर तक जब मोबाइल का कुछ पता नहीं चला, तो अफसर के निर्देश पर डैम में से पानी निकालने के लिए पंप मंगवाया गया।

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फिर क्या था इसके बाद लगातार चैबीसों घंटे पंप चलाकर डेम के पानी को ऐसे ही बहाना शुरू किया गया, ताकि डेम के खाली होने पर मोबाइल को निकाला जा सके। उधर डैम से धड़ल्ले से पानी बहाये जाने की खबर फैली, तब सिंचाई विभाग के अफसरों के कान खड़े हुए और मौके पर जाकर पंप को बंद करवाया गया।

बताया जा रहा हैं कि इस दौरान डेम का पानी कम होने के बाद गुरुवार को फूड इंस्पेक्टर का मोबाइल तो मिल गया। लेकिन वो पूरी तरह से डेड हो गया था। इस मामले में जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आरसी धीवर का कहना है कि नियमानुसार 5 फीट तक पानी को खाली करने का परमिशन मौखिक तौर पर दी गई थी। लेकिन 10 फीट से ज्यादा पानी निकाल दिया गया।

उन्होंने बताया कि सोमवार शाम को पंप चालू किया गया था, जो गुरुवार तक चौबीसों घंटे चलाया गया। स्केल वायर में 10 फीट पानी भरा था, जो कि घटकर अब 4 फीट पर आ गया हैं। शिकायत पर सिंचाई विभाग के अफसर मौके पर पहुंचे और पानी निकालना बंद करवाया गया। लेकिन तब तक स्केल वाय से 6 फीट के लेवल पर पानी निकल चुका था।

अनुमान लगाया जा रहा हैं फजूल में बहाया गया पानी करीब 20 से 21 लाख लीटर होता है। सिंचाई विभाग के एसडीओ आरसी धीवर का कहना है कि उन्हें धोखे में रखकर इतनी बड़ी मात्रा में पानी को डेम में से बहा दिया गया। वहीं फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने इस घटना के बाद सफाई दिया हैं कि फोन में विभागीय जानकारी थी। इसलिए यह कदम उठाया, लेकिन पानी में रहने के कारण उनका फोन बंद हो गया है।

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फिलहाल इस मामले में जमकर राजनीति हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जहां भूपेश सरकार पर सवाल खड़े किये हैं, तो वहीं पूर्व IAS व भाजपा नेता ओपी चौधरी ने इस मामले में फूड इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने की मांग की है। वहीं नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा है कि इस प्रकरण में अधिकारी के मोबाइल की जांच होनी चाहिये, कि आखिर उसमें ऐसा क्या था कि लाखों लीटर पानी बहाना पड़ गया।

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आरोप है कि मोबाइल ढूंढवाने के लिए इस फूड इंस्पेक्टर ने डैम से 21 लाख लीटर पानी बहवा दिया। ये इतना पानी था कि डेढ़ हजार हेक्टेयर एकड़ में खेतों को सिंचित किया जा सकता था। सरकारी विभाग के अफसर की मनमानी का ये मामला कांकेर जिला के परलकोट जलाशय का हैं। जानकारी के मुताबिक कोयलीबेड़ा ब्लॉक में फूड इंस्पेक्टर के पद पर राजेश विश्वास पदस्थ हैं। बताया जा रहा हैं कि रविवार 21 मई को वह दोस्तों के साथ बांध पर गए थे। यहां पार्टी करने के दौरान लापरवाही के चलते बांध के स्केल वाय के पास अफसर का डेढ़ लाख रुपए का मोबाइल पानी में जा गिरा।

फिर क्या था इसके बाद फूड इंस्पेक्टर ने अपने पद का रौंब दिखाते हुए पहले तो डैम में आसपास के ग्रामीणों और गोताखोरों से मोबाइल ढूंढने का प्रयास किया गया। सोमवार की दोपहर तक जब मोबाइल का कुछ पता नहीं चला, तो अफसर के निर्देश पर डैम में से पानी निकालने के लिए पंप मंगवाया गया।

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फिर क्या था इसके बाद लगातार चैबीसों घंटे पंप चलाकर डेम के पानी को ऐसे ही बहाना शुरू किया गया, ताकि डेम के खाली होने पर मोबाइल को निकाला जा सके। उधर डैम से धड़ल्ले से पानी बहाये जाने की खबर फैली, तब सिंचाई विभाग के अफसरों के कान खड़े हुए और मौके पर जाकर पंप को बंद करवाया गया।

बताया जा रहा हैं कि इस दौरान डेम का पानी कम होने के बाद गुरुवार को फूड इंस्पेक्टर का मोबाइल तो मिल गया। लेकिन वो पूरी तरह से डेड हो गया था। इस मामले में जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आरसी धीवर का कहना है कि नियमानुसार 5 फीट तक पानी को खाली करने का परमिशन मौखिक तौर पर दी गई थी। लेकिन 10 फीट से ज्यादा पानी निकाल दिया गया।

उन्होंने बताया कि सोमवार शाम को पंप चालू किया गया था, जो गुरुवार तक चौबीसों घंटे चलाया गया। स्केल वायर में 10 फीट पानी भरा था, जो कि घटकर अब 4 फीट पर आ गया हैं। शिकायत पर सिंचाई विभाग के अफसर मौके पर पहुंचे और पानी निकालना बंद करवाया गया। लेकिन तब तक स्केल वाय से 6 फीट के लेवल पर पानी निकल चुका था।

अनुमान लगाया जा रहा हैं फजूल में बहाया गया पानी करीब 20 से 21 लाख लीटर होता है। सिंचाई विभाग के एसडीओ आरसी धीवर का कहना है कि उन्हें धोखे में रखकर इतनी बड़ी मात्रा में पानी को डेम में से बहा दिया गया। वहीं फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने इस घटना के बाद सफाई दिया हैं कि फोन में विभागीय जानकारी थी। इसलिए यह कदम उठाया, लेकिन पानी में रहने के कारण उनका फोन बंद हो गया है।

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