OPS अपडेट : 2004 के पूर्व विज्ञापन वाले कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की फाइल फिर जायेगी कैबिनेट…तारीख में किया जायेगा संशोधन .. पढ़िये पूरा कंफ्यूजन हो जायेगा दूर
रांची। पुरानी पेंशन से जुड़ी फाइल एक बार फिर कैबिनेट भेजी जायेगी। इसकी बड़ी वजह फाइल में दर्ज तारीख है। हालांकि ये फाइल उन कर्मचारियों से संबंधित है, जो नियुक्त तो 2004 के बाद यानि नयी पेंशन बहाली के दौरान हुए हैं, लेकिन उनके विज्ञापन से लेकर नियुक्ति प्रक्रिया तक दिसंबर 2004 के पूर्व पूर्ण हो चुके थे। केंद्र सरकार पहले ही उन कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल कर चुकी है और अब राज्य सरकार ने भी इस पर मुहर लगा दी है। हालांकि तारीख में संशोधन के लिए उसे फिर से कैबिनेट में रखा जायेगा।
दरअसल हुआ ये है कि 2004 के पूर्व विज्ञापन वाले जिन कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया था, उसमें ये कहा गया था कि 30 जून तक राज्य के सभी कर्मियों की सहमति OPS के लिए ले ली जायेगी। लेकिन पुरानी पेंशन बहाली के प्रस्ताव को विभागों के इतने चक्कर लगाने पड़े की, 15 जुलाई को कैबिनेट से मंजूरी मिल सकी। मतलब फाइल में दर्ज 30 जून की तारीख से 15 दिन बाद 2004 के पूर्व वाले कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को कैबिनेट की हरी झंडी मिली।
लिहाजा पुरानी पेंशन के लिए कराये जाने वाले जनमत के लिए अब नये सिरे से तारीख तय करनी होगी। 15 जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन बहाली को शर्तों के साथ लागू करने का फैसला लिया गया। ऐसे मे कर्मचारियों से सहमति लेने के लिए विभाग को नयी तारीख तय करनी होगी। अगर तारीख तय हो जाती है, तो कैबिनेट से पारित प्रस्ताव में संशोधन के लिए फिर से फाइल को कैबिनेट में ले जाया जायेगा।
SOP को लेकर आदेश कब तक?
2004 के बाद नियुक्त हुए NPS कर्मचारियों के लिए कैबिनेट ने एक हाईपावर कमेटी गठित की है, जो पुरानी पेंशन से जुड़ी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगी। लेकिन एसओपी के लिए अब तक सरकार ने अधिसूचना जारी नहीं की है। विकास आयुक्त की अगुवाई वाली कमेटी में पुरानी पेंशन पर विस्तार से चर्चा होगी और फिर इसकी पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जायेगी।
दरअसल वित्त विभाग को सुझाव दिया गया है कि भविष्य की तमाम संभावित अड़चनों को दूर कर आगे बढ़ें। इसके लिए मशक्कत चल रही है। सूत्रों ने बताया कि एसओपी के निर्माण के साथ ही मुख्य सचिव की ओर से सुझाए गए सुझावों को निराकरण हो जाएगा। बताया जा रहा है कि संलेख में संशोधन के बाद ही तीन सदस्यीय कमेटी के गठन को लेकर आदेश जारी होगा जिसमें अभी कुछ और समय लग सकता है।