IAS राजीव अरुण एक्का पर प्राइवेट कार्यालय में सरकारी फाइल निपटारे के मामले में न्यायिक आयोग ने सौंपी रिपोर्ट, दोषी या होंगे बरी , देखें रिपोर्ट

रांची । प्राइवेट ऑफिस से सरकारी फाइलों के निष्पादन मामले में आईएएस राजीव अरुण एक्का (वर्तमान में पंचायती राज विभाग सचिव) को बड़ी राहत मिल सकती हैं. जानकारी के मुताबिक इस मामले में राज्य सरकार के स्तर से 14 मार्च 2023 को गठित एक सदस्यीय आयोग गठित किया था. जस्टिस (रिटायर) वीके गुप्ता की अध्यक्षता में गठित आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है.

सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि जस्टिस गुप्ता ने करीब तीन सप्ताह पहले अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है. दिल्ली में राज्य सरकार के स्थानीय आयुक्त को इस रिपोर्ट को उपलब्ध करा दिए जाने की सूचना है.

राजीव अरुण एक्का पर लगा था ये आरोप

मालूम है कि पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने एक्का पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वे एक निजी ठेकेदार के कार्यालय में बैठकर गृह विभाग के फाइलों का निष्पादन करते हैं. इससे संबंधित एक वीडियो भी जारी किया था.

इसके बाद राज्य सरकार की ओर से एक न्यायिक आयोग बनाया गया था. उसे 6 महीने में रिपोर्ट देने को कहा था. इसके बाद आयोग के स्तर से रांची में तीन बैठक हुई थी. लोगों से इस मामले में प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष तरीके से प्रमाण उपलब्ध कराए जाने को सार्वजनिक सूचना जारी की गयी थी. इसके बाद आयोग ने अपने स्तर से रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी है.

क्या कहता है रिपोर्ट

सूत्रों कि माने तो आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सीधे तौर पर एक्का को दोषी नहीं माना है. हालांकि महत्वपूर्ण पद पर रहते किसी निजी कार्यालय में बैठने से बचने की भी सलाह दी है. इस रिपोर्ट के आधार पर इसके तकनीकी पहलुओं का अध्ययन सरकार के स्तर से किए जाने की बात कही जा रही है. इसके बाद इस रिपोर्ट को विधानसभा में लाए के बाद ही सार्वजनिक किये जाने की भी चर्चा है.

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