पुरानी पेंशन बहाली Update : जानिये पुरानी पेंशन बहाली की फाइल क्यों फिर से भेजी जा रही कैबिनेट….तारीख की चूक की वजह से दोबारा भेजा जायेगा प्रस्ताव

रांची। पुरानी पेंशन की बहाली का राज्य के कर्मचारी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि कमेटी के ऐलान के बाद एक बार फिर OPS का इंतजार लंबा खीचता जरूर नजर आ रहा है। पुरानी पेंशन से जुड़ी फाइल एक बार फिर कैबिनेट में सहमति के लिए भेजी जायेगी। इसकी बड़ी वजह फाइल में दर्ज तारीख है। दरअसल हुआ ये है कि पुरानी पेंशन बहाली का जो प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया था, उसमें ये कहा गया था कि 30 जून तक राज्य के सभी कर्मियों की सहमति OPS के लिए ले ली जायेगी। लेकिन पुरानी पेंशन बहाली के प्रस्ताव को विभागों के इतने चक्कर लगाने पड़े की, कि 15 जुलाई को कैबिनेट से मंजूरी मिली। मतलब फाइल में दर्ज 30 जून की तारीख से 15 दिन बाद पुरानी पेंशन को कैबिनेट की हरी झंडी मिली।

लिहाजा पुरानी पेंशन के लिए कराये जाने वाले जनमत के लिए अब नये सिरे से तारीख को तय करनी होगी। 15 जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन बहाली को शर्तों के साथ लागू करने का फैसला लिया गया। ऐसे मे कर्मचारियों से सहमति लेने के लिए विभाग को नयी तारीख तय करनी होगी। अगर तारीख तय हो जाती है, तो कैबिनेट से पारित प्रस्ताव में संशोधन के लिए फिर से फाइल को कैबिनेट में ले जाया जायेगा।

SOP को लेकर आदेश कब तक?

कैबिनेट ने एक हाईपावर कमेटी गठित की थी, जो पुरानी पेंशन से जुड़ी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगी। लेकिन एसओपी के लिए अब तक सरकार ने अधिसूचना ही नहीं जारी की है। विकास आयुक्त की अगुवाई वाली कमेटी में पुरानी पेंशन पर विस्तार से चर्चा होगी और फिर इसकी पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जायेगी। हालांकि अभी तक SOP के लिए आदेश नहीं जारी किया जाना, देरी की तरफ इशारा कर रहा है। हालांकि अधिकारिक सूत्र ये भी बता रहे हैं कि देरी के पीछे की वजह से कैबिनेट में रखे गये उस फाइल की तारीख भी है, जिसमें 30 जून की ही तारीख दर्ज हो गयी थी। मुख्य सचिव ने जिन बिंदुओं पर सुझाव दिए हैं, उनपर आगे बढ़ते हुए ही पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जा सकता है।

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दरअसल वित्त विभाग को सुझाव दिया गया है कि भविष्य की तमाम संभावित अड़चनों को दूर कर आगे बढ़ें। इसके लिए मशक्कत चल रही है। सूत्रों ने बताया कि एसओपी के निर्माण के साथ ही मुख्य सचिव की ओर से सुझाए गए सुझावों को निराकरण हो जाएगा। बताया जा रहा है कि संलेख में संशोधन के बाद ही तीन सदस्यीय कमेटी के गठन को लेकर आदेश जारी होगा जिसमें अभी कुछ और समय लग सकता है।

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