झारखंड शिक्षक भर्ती : शिक्षक अभ्यर्थी को बदलनी होगी भाषा का विकल्प, अन्यथा नहीं बन पाएंगे शिक्षक, आखिर क्यों ? पढ़िए डिटेल

रांची । राज्य सरकार में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 26 हजार सहायक आचार्य (शिक्षक) नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है. शिक्षक नियुक्ति को लेकर वर्ष 2013 व 2016 में झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई थी. इन परीक्षाओं में जिलावार जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा का विकल्प विद्यार्थियों को दिया गया था। इसके आधार पर विद्यार्थी किसी एक भाषा से जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा से परीक्षा में शामिल हो सकते थे और भाषा का चयन किया था। झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में जिन भाषाओं का विकल्प दिया गया था, सरकार ने एक निर्णय लेकर उनमें से आठ भाषा इस बार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल नहीं किया है, जिसका आदेश पूर्व में ही निकाल चुकी है।

इन भाषा वाले अभ्यर्थी को बदलनी होगी विकल्प

झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल जिन आठ भाषाओं को शिक्षक नियुक्ति में शामिल नहीं किया गया है, उनमें मगही, अंगिका, भोजपुरी, माल्तो, बिरहोरी, असुर, भूमिज भाषा शामिल है. अब इन भाषाओं से जेटेट पास अभ्यर्थियों को अपनी भाषा बदलनी होगी. भाषा बदलाव का विकल्प नहीं मिलने पर उक्त अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पायेंगे. लेकिन इन सात भाषाओं के अभ्यर्थियों को लेकर जारी विज्ञापन में कुछ भी स्पष्ट नहीं है.

क्या कहते है छात्र नेता

झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थी संघ के अध्यक्ष परिमल कुमार ने बताया कि वे गोड्डा जिला के रहनेवाले हैं. शिक्षक पात्रताा परीक्षा में अंगिका उनकी क्षेत्रीय भाषा थी. अब अंगिका भाषा नियुक्ति परीक्षा में शामिल नहीं है. ऐसे में वह किस आधार पर आवेदन जमा करेंगे, इसकी जानकारी नहीं दी गयी है. मालूम हो की गोड्डा, साहिबगंज, देवघर, जामताड़ा, दुमका में अंगिका क्षेत्रीय भाषा बोली जाती है।

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में बार काउंसिल के अध्यक्ष और गणमान्य की उपस्थिति में यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) कार्यशाला का हुआ आयोजन

11 भाषाओं को मातृभाषा के रूप में चुनने का मिला विकल्प

राज्य में सहायक आचार्य (प्राथमिक शिक्षक) नियुक्ति में अभ्यर्थियों के लिए मातृभाषा में पास होना अनिवार्य है. विद्यार्थियों को हिंदी-अंग्रेजी समेत 11 भाषाओं को मातृभाषा के रूप में चुनने का विकल्प दिया गया है. मातृभाषा में पास होने पर ही अभ्यर्थी के अन्य विषयों की कॉपी की जांच की जायेगी. मातृभाषा में हिंदी, अंग्रेजी, संथाली, मुंडारी, हो, खड़िया, कुड़ूख, कुरमाली, खोरठा, नागपुरी, पंचपरगनिया शामिल हैं. अभ्यर्थी इनमें से किसी एक भाषा का चयन मातृभाषा के रूप में कर सकते हैं. इसमें प्रश्न झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा मैट्रिक के लिए अनुमोदित पाठ्यक्रम के अनुरूप पूछा जायेगा.

22 भाषा के विकल्प के साथ ली गई थी परीक्षा

झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में जिलावार कुल 22 भाषाओं की परीक्षा ली गयी थी. इनमें कुड़ुख, खड़िया, मुंडारी, हो, संताली, असुर, बिरहोरी, भूमिज, माल्तो, नागपुरी, पंजपरगनिया, कुरमाली, बांग्ला, उड़िया, मगही, अंगिका, भोजपुरी, खोरठा शामिल है.

आयोग ने इन भाषा का ही रखा हैं विकल्प

शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में कुल 15 भाषा की परीक्षा होगी. इनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, संताली, बांग्ला, मुंडारी,हो, खड़िया, कुड़ूख, कुरमाली, खोरठा, नागपुरी, पंचपरगनिया, उड़िया व संस्कृत शामिल किया है। अब उन छात्रों के लिए परेशानी की वजह ये है की इस संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किया गया है।इतने वर्षों बाद निकले विज्ञापन में अभ्यर्थी आवेदन भरते वक्त फूंक फूंक कर कदम रखना चाहते है ताकि आवेदन रद्द वाली नौबत न आए।

Related Articles

close