झारखंड : कमिश्नर व इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने का आदेश, चुनाव के दौरान नाफरमानी पड़ी भारी, डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी के भी निर्देश
जमशेदपुर। चुनाव के दौरान निर्देशों की अवहेलना दो अफसरों पर भारी पड़ गयी। चुनाव आयोग के निर्देश पर ना सिर्फ दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, बल्कि विभागीय कार्रवाई के भी निर्देश दिये गये हैं। मामला जमशेदपुर के एक्साइज विभाग से जुड़ा है, जहां जमशेदपुर के उत्पाद विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर और इंस्पेक्टर को निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देश के बाद सस्पेंड कर दिया गया है। दोनों अधिकारियों के खिलाफ डिपार्टमेंटल इनक्वायरी के भी निर्देश दिये गये हैं।
विभागीय कार्यवाही 60 दिन के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है। कहा है कि यह कार्यवाही आयोग की अनुमति के बिना बंद नहीं होगा। निलंबन के दौरान रवानी का मुख्यालय संथाल परगना प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय दुमका निर्धारित किया गया है। दरअसल पूर्वी सिंहभूम के डीसी ने इस संबंध में उत्पाद विभाग को पत्र लिखा था। एक अप्रैल को सुबह 11 बजे घाटशिला एसडीओ, धालभूमगढ़ सीओ और घाटशिला के कार्यपालक दंडाधिकारी ने नकली शराब मामले में चारचाका गांव के अजीत सिंह के यहां छापेमारी की थी।
छापेमारी के दौरान मौके पर खाली बोतल, रैपर, झारखंड सरकार का लोगाे, बारकोड लगा स्टीकर, आबकारी विभाग लिखा हुआ कैप सील स्टीकर और स्प्रिट आदि मिले थे। इस संबंध में एसडीओ ने पहले ही उत्पाद विभाग को सूचना दे दी थी। लेकिन रामलीला रवानी और कुमार सत्येंद्र काफी देर से पहुंचे। छापेमारी में भी सहयोग नहीं किया। पूर्वी सिंहभूम के डीसी ने इस मामले में रवानी से स्पष्टीकरण मांगा था।
जानकारी के मुताबिक नोटिस के जवाब में रवानी ने उत्पाद इंस्पेक्टर कुमार सत्येंद्र को दोषी और खुद को निर्दोष बताया। स्पष्टीकरण की जिला स्तर पर समीक्षा की गई। इसके बाद डीसी ने माना कि रवानी का स्पष्टीकरण स्वीकार करने योग्य नहीं है। निर्वाचन पदाधिकारियों के कड़े रुख के बाद अब विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।