चलती ट्रेन में ससुर की हत्या: एक बार गोली मारी, तो हुआ था जख्मी, इलाज के बाद लौटने के दौरान दूसरी बार गोली मार कर दी हत्या

पटना। ससुर की अय्याशी से परेशान बहू ने चलती ट्रेन में खून करा दिया। पुलिस ने मामले में आरोपी बहू और उसके भतीजे को गिरफ्तार किया है। मामला पटना-गया रूट के नीमा हाल्ट का है, जहां 25 जून को चलती ट्रेन में हत्या हुई थी। ससुर को मारने की साजिश में बहू ने बहन के बेटे और भाई के बेटे को शामिल किया। बहू के भतीजे ने ही गोली मारी थी। आरोप है कि ससुर जमीन बेचकर शराब पार्टी करता था। दोस्तों को पैसे देते था, जिससे बहू काफी नाराज चल रही।

कमाल की बात ये है कि बहू ने दो-दो बार ससुर पर गोली चलवायी। पहली बार जब बहू रंभा ने अपने ससुर जयप्रकाश पर गोली चलवायी, तो वो गोली उसके हथेली में लगी। जयप्रकाश को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जब अस्पताल से जयप्रकाश की छुट्टी हुई और वो घर लौटने लगा, तो दूसरी बार चलती ट्रेन में उस पर गोली चलवायी गयी, जिसमें उसकी जान चली गयी।

जानकारी के मुताबिक पटना-गया रूट पर नीमा हॉल्ट के पास 25 जून को मसौढ़ी के दहिभत्ता के रहने वाले जय प्रकाश सिंह उर्फ भोला सिंह की हत्या हुई थी। बहू रंभा कुमारी को गिरफ्तार किया गया है, जिसने अपने भाई के बेटे प्रिंस और बहन के लड़के जय प्रकाश शर्मा के साथ मिल कर चलती ट्रेन में जय प्रकाश सिंह को गोली मरवा दी और फिर पिस्तौल को ट्रेन से बाहर नदी में फेंक दिया।

हत्या के बाद उसी ट्रेन में प्रिंस दूसरी बोगी में भाग गया। मसौढ़ी पहुंचने के बाद वो वहां से अपने घर सगुना चला गया। रंभा का मायका सगुना ही है।जानकारी के मुताबिक जयप्रकाश सिंह के पास करीब सात से आठ बीघा जमीन की बात सामने आई है। उसमें से जय प्रकाश सिंह धीरे-धीरे जमीन को बेच मौज-मस्ती करते थे और बेटे व बहू को उसमें से कुछ नहीं देते थे। इधर, कुछ जमीन वह अपने भाई चंद्रभूषण शर्मा के हाथों बेचने के लिए बात कर ली थी और इसके एवज में पैसा भी ले लिया था।

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इधर जय प्रकाश सिंह की इस हरकत से उसकी बहू रंभा परेशान थी और उसे लग रहा था कि धीरे- धीरे वे सारी जमीन बेचकर मौज-मस्ती में उड़ा देंगे। इसी की वजह से रंभा ने अपने बहन और भाई के बटे को अपने ससुर की हत्या कराने की सुपारी दे दी। घटना वाले दिन पुलिस की माने तो उसी दिन श्याम किशोर शर्मा और प्रिंस कुमार बाइक से दहिभता पहुंचे और जय प्रकाश सिंह पर फायरिंग की। लेकिन गोली जय प्रकाश सिंह की हथेली पर लगी और वो बच गए। पुलिस के मुताबिक इसके जय प्रकाश के बेटे गुलशन ने पिता को पीएमसीएच में एडमिट कराया।

पीएमसीएच से जय प्रकाश सिंह जब रात में छुट्टी हुई तो वो अपने बेटे गुलशन के और श्याम किशोर शर्मा के साथ ट्रेन से मसौढ़ी जाने के लिए पटना जंक्शन पहुंचे। उसके पहले ही श्याम किशोर ने प्रिंस को इसकी जानकारी दे दी और पटना बुला लिया।प्रिंस भी उसी ट्रेन की दूसरी बोगी में जा बैठा। उसके नीमा के बाद उसने जय प्रकाश को गोली मारी और पिस्तौल ट्रेन से बाहर नदी में फेंक दिया। मर्डर करने के बाद प्रिंस फिर अफरा-तफरी के बीच दूसरी बोगी में जा बैठा। उसी ट्रेन से वो मसौढ़ी तक आया।

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