झारखंड: पारा शिक्षकों व रोजगार सेवक के मानदेय में 50% वृद्धि, तो आंगनबाड़ी सेविका व रसोईयों का मानदेय भी बढ़ाया, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा दावा

रांची। झारखंड में सरकारी नौकरी को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में सरकारी नौकरी में विभिन्न पदों पर 83 प्रतिशत से अधिक झारखण्डी युवाओं की नियुक्ति की गयी,।वह भी तब जब भाजपा ने बाहरी युवाओं के साथ मिलकर झारखण्डी नियोजन नीति को खत्म करने की साजिश की।

भाजपा का झूठ और महा झूठ का कोई अस्तित्व नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मेरे अनुबंधकर्मी भाई-बहनों की मदद कर रही है यह सरकार। भाजपा ने तो सालों साल उनका सिर्फ शोषण ही शोषण किया।

हेमंत सोरेन ने नियुक्ति के सवाल पर कहा कि हमने एक लाख से अधिक लोगों की नियुक्ति की है। कई जिलों में जाकर मैंने इन हाथों से हजारों बच्चों को नियुक्ति पत्र दिया है। आज वह बच्चे कई जगहों पर नौकरी करके अच्छा पैसे कमा रहे हैं।

20 सालों में इनकी सरकार ने कोई नियमावली नहीं बनाई। हमने आदिवासी और मूलवासियों को अधिकार मिले, इसके लिए नीति बनाया। इन्होंने कोर्ट-कचहरी के माध्यम से सरकार को रोकने का प्रयास किया। हमारे खिलाफ कोर्ट में कौन गया था। वह भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता था।

हेमंत सोरेन ने कहा, हमारे राज्य में कोई कानून बनता है तो वह असंवैधानिक हो जाता है। अगर यही कानून किसी और राज्य में होता है तो उसे मान्यता मिल जाती है। ग्रेड ए की नियुक्ति निकाली, लिपिक लेखा पदाधिकारी की नियुक्ति की। हमने 83 प्रतिशत यहां के आदिवासी और मूलवासी को जगह दिया। किसी-किसी में तो 100 प्रतिशत भी किया है।

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पंचायत सचिव, पंचायत कर्मचारी, आईटीआई इंजीनियर, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, कई ऐसी नियुक्ति की जो राज्य में पहली बार की। विपक्ष किस मुद्दे पर बात करेगा। यह अंतिम सत्र नहीं, यह अनवरत चलने वाला सत्र है। यह अभी भी चलेगा और आने वाला समय में हम ही होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, हमने पारा शिक्षक के मानदेय में 50 प्रतिशत की वृद्धि की। आंगन बाड़ी सेविका का वेतन बढ़ाया, रसोईया के मानदेव में 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी की। रोजगार सेवक के मानदेय में 50 प्रतिशत की वृद्धि की। अनुबंध कर्मियों के मानदेय में एक हजार दो सौ पचास करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया।

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