बिहार में बाढ़ से हाहाकार; दरभंगा और चंपारण में टूटे बांध

बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. राज्य की 10 से ज्यादा नदियां उफान पर हैं. चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है लोग जान बचाने के लिए अस्थायी नाव और अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रह रहे हैं. पूरा उत्तर बिहार बाढ़ की चपेट में है. प्रभावित जगहों से लोगों को निकाला जा रहा है. राज्य के 13 जिलों में बिल्कुल खतरनाक स्थिति बनी हई है. अब खबर आई है कि मुजफ्फरपुर के कटरा स्थित बकुची पावर प्लांट में पानी घुस गया है.

रविवार को 24 घंटे में छह बैराजों के टूटने से स्थिति और बिगड़ गई, जिससे कोसी, गंडक और बागमती जैसी प्रमुख नदियां उफान पर आ गईं, जिससे भारत-नेपाल सीमा के पास के जिले बुरी तरह प्रभावित हुए. नेपाल में लगातार हो रही बारिश कम होने के कारण सोमवार को बैराजों से पानी का बहाव कम कर दिया गया.

जिले बाढ़ की चपेच में

राज्य के दरभंगा, मोतिहारी, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और मधुबनी बुरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं. अधिकारियों ने बताया कि रविवार को सीतामढ़ी के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में दरार आ गई है. शिवहर जिले में तरियानी छपरा में बागमती नदी पर बना तटबंध टूट गया है.

दरभंगा जिले के किरतपुर प्रखंड के भूभौल में भी तटबंध टूटने की खबर है. बिहार सरकार तटबंधों की 24 घंटे निगरानी करा रही है. जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के मुबातिक, जल संसाधन विभाग के तीन अधीक्षण अभियंता, 17 कार्यपालक अभियंता, 25 सहायक अभियंता और 45 कनीय अभियंता 24 घंटे काम कर रहे हैं.

IAS मनीष रंजन आज भी पेश होंगे या नहीं ? ED ने जारी किया है दूसरा समन, टेंडर घोटाले में पूछताछ के लिए ईडी के पास है सवालों की लंबी लिस्ट

12 एनडीआरएफ टीमें तैनात

राज्य में भारी बारिश और बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है राज्य के बाहर से छह राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें बुलाई गई हैं. वर्तमान में, 12 एनडीआरएफ टीमें और 22 राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें पूरे बिहार में बाढ़ राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हैं.

नेपाल से छोड़ा गया पानी

राज्य जल संसाधन विभाग के अनुसार, हालांकि कुछ छोटी नदियों में जलस्तर कम हुआ है, लेकिन बाढ़ से प्रभावित 1.6 मिलियन से अधिक लोगों के लिए स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. अधिकारियों ने बताया कि अभी तक किसी के मरने की खबर नहीं है. नदी का जलस्तर अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ गया है. गंडक नदी पर वाल्मीकिनगर बैराज ने 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा – जो 2003 के बाद से सबसे अधिक है – इससे पहले आज डिस्चार्ज को घटाकर 1.89 लाख क्यूसेक कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि कोसी नदी पर बीरपुर बैराज ने 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा, जो 56 वर्षों में सबसे अधिक है, इससे पहले 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.

Related Articles

close