झारखंड: राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर को सरकार ने किया बर्खास्त, फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी का आरोप, पढ़ें पूरा मामला
रांची। फर्जीवाड़ा मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर कानुराम नाग को राज्य सरकार ने नौकरी के बर्खास्त कर दिया है। कानु राम नाग अभी पलामू के उप निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर पदस्थ थे। कानु राम नाग अत्यंत पिछड़ी जाति में शामिल तमाड़िया जाति से आते हैं, जबकि JPSC में चयन के दौरान उन्होंने मुंडा जनजाति का प्रमाण पत्र दिया था।
जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर कानु राम नाम की पलामू में पोस्टिंग हुई थी। विधानसभा चुनाव में वो उप निर्वाचन पदाधिकारी की भूमिका थे, इसी महीने 26 और 27 सितंबर को रांची में हुई चुनाव आयोग की ट्रेनिंग भी ली थी, लेकिन अब चुनाव के ठीक पहले राज्य सरकार ने उन्हें बर्खास्त करने का फैसला लिया है।
जानकारी के मुताबिक चाईबासा के रहने वाले कानू राम नाग इससे पहले फर्जी सर्टिफिकेट के मामले में सस्पेंड किये जा चुके थे। तब राज्य सरकार ने एक कमेटी बनायी थी। साल 2010 में समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कानु राम नाग अत्यंत पिछड़ी जाति में शामिल तमाड़िया जाति से आते हैं, इसलिए उनको मुंडा जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता।
समिति की इस रिपोर्ट को कानु राम नाग ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्क्रूटनी कमेटी की रिपोर्ट आने तक कार्रवाई पर रोक लगा दी। हालांकि बाद में कानु राम ने रिट पिटीशन को वापस ले लिया था। अब राज्य सरकार ने कानु राम को उनको झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2016 के नियम 14 (x) के तहत सेवा से हटाए जाने का दंड दिया गया है।