झारखंड NMOPS आखिर किस बात से है गुस्से में ?…NPS कर्मियों की नाराजगी का हैशटैग Twitter पर क्यों हो रहा ट्रेंड….प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत ने किया ये ट्वीट..पढ़िये…

रांची। पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ रहे NMOPS एक मीडिया रिपोर्ट पर काफी आक्रोशित है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर मीडिया रिपोर्ट पर भड़के झारखंड के NPS कर्मियों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है। दरअसल एक अखबार में ये रिपोर्ट छपी कि “केंद्र के सहयोग के बिना राज्य में लागू नहीं हो सकती ओल्ड पेंशन स्कीम”। झारखंड NMOPS ने इस खबर को भ्रामक और मनगंढ़त बताते हुए कर्मचारी विरोधी बताया है। ट्विटर में ट्रेंड हो रहे NMOPS के ट्विट को लेकर लगातार NPS कर्मचारी अपना विरोध जता रहे हैं। कई कर्मचारियों ने रिपोर्ट छापने वाले अखबार के बायकाट का भी ऐलान कर दिय है। NMOPS के झारखंड प्रदेश संयोजक विक्रांत सिंह ने ट्वीट कर लिखा है…..

इस बात में कोई शक नहीं कि पुरानी पेंशन लागू करना राज्य सरकार का खुद का फैसला है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने इसे लागू कर ये जता भी दिया है कि पुरानी पेंशन की बहाली में केंद्र किसी तरह से अड़चन नहीं पैदा कर सकता। NSDL में जमा पैसे को लेकर केंद्र जरूर आनाकानी करता रहा है, लेकिन इसका कतई मतलब ये नहीं कि प्रदेश में पुरानी पेंशन की बहाली नहीं हो सकती। राजस्थान और छत्तीसगढ़ की बात कहे तो यहां पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है।

https://twitter.com/Jawahar2013/status/1538443301292232704

NPS के तहत कर्मचारियों की कटौती बंद हो चुकी है और सामान्य भविष्य निधि के तहत कर्मचारियों की कटौती अप्रैल से शुरू हो गयी है।

जहां तक NPS के तहत अब तक की कटौती की गयी राशि का सवाल है तो इसे लेकर राज्य सरकार पत्राचार कर रही है और जल्द ही इस मामले में भी निराकरण कर हो जायेगा। लिहाजा पुरानी पेंशन की बहाली में किसी भी तरह की अड़चनें नहीं है। सरकार अगर चाहे तो कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर इसे लागू कर सकती है, जिसकी पूरी संभावना दिख भी रही है।

इधर कर्मचारियों की भी नाराजगी भ्रमित करती मीडिया रिपोर्ट को लेकर गहराती जा रही है। लगातार सोशल मीडिया पर कर्मचारी संगठन व NMOPS की तरफ से पोस्ट किया जा रहा है कि भ्रमित खबरों से कर्मचारी अपना मनोबल ना तोड़े। रविवार को हुई कई जगहों पर NMOPS कर्मचारियों के प्रेस काँफ्रेंस में भी जिला संयोजकों ने पुरानी पेंशन को लेकर स्थिति स्पष्ट की।

आज धनबाद जिला NMOPS ईकाई की तरफ से भी प्रेस काँफ्रेंस किया गया और पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में संगठन की तरफ से प्रस्तावित महासम्मेलन को लेकर जानकारी दी गयी। इस दौरान NMOPS धनबाद जिला संयोजक जय होरो द्वारा बताया गया कि कुछ लोग पुरानी पेंशन को लेकर भ्रम फैलाना चाह रहे हैं। कर्मचारियों की वेतन एवं पेंशन राज्य का विषय है जिसका वहन सामान्यतया राज्य के बजट से किया जाता है। इसमें कहीं भी केन्द्रांश का कोई कन्सेप्ट ही नहीं है तो इसमें केन्द्र क्या दखलंदाजी कर सकता है।अभी हाल ही में दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ पहले ही इसे बहाल कर चुके हैं। और तो और केन्द्र सरकार स्वयं इस बात को एक RTI के उत्तर में स्पष्ट कर चुकी है।

जहाँ तक बात रही PFRDA की तो वह फंड का मालिक नहीं है, वह सिर्फ एक फंड मैनेजर है।

NPS में जमा पैसा राज्य सरकार और कर्मियों का है यदि PFRDA आधिकारिक रुप फंड को लौटाने में आनाकानी करता है तब आवश्यक विधिक उपचार किये जायेंगे। अभी कुछ सेवाओं में जिनमें बहाली 2004 के बाद हुई किन्तु नियुक्ति प्रक्रिया उससे पहले से चल रही थी उनमें से कुछ को न्यायालय के आदेश से पुरानी पेंशन में लाया जा चुका है एवं उसमें CPF को GPF में बदला भी गया है।

अत: यह प्रचारित करना की पुरानी पेंशन अगस्त, 2022 से बहाल लोगों के लिये की जायेगी हास्यास्पद है और संगठन इसपर अपनी घोर आपत्ति दर्ज करता है।हमें अपने मुख्यमंत्री के कथन पर पूर्ण भरोसा है कि जो उन्होने अपने चुनावी मैनिफेस्टो में कहा था वे अक्षरशः उसे कर के दिखायेंगे। पुरानी पेंशन बहाल होगी और नवम्बर 2004 के बाद बहाल हर सरकारी कर्मचारी के लिये बहाल होगी।

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