…आखिर क्यों कल्पना सोरेन को बतानी पड़ी अपनी पहचान, मैं एक शिक्षिका थी… जानिये कल्पना सोरेन के गुस्से की वजह
रांची। झारखंड में चुनावी राजनीति चरम पर है। भाजपा और झामुमो के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। खासकर गोगो दीदी योजना जब से भाजपा ने लांच करने का ऐलान किया है, तब से झारखंड की राजनीति और तेज हो गयी है।
भाजपा लगातार ये तंज कस रही है कि गोगो दीदी योजना के ऐलान के बाद से झामुमो के अंदर बैचेनी है। बाबूलाल मरांडी ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि झारखंड की माताओं बहनों के बीच गोगो दीदी योजना की स्वीकार्यता देखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी बौखलाहट में हैं।
कल्पना सोरेन ने बताया, वो कौन है?
बाबूलाल मरांडी के इस बयान पर कल्पना सोरेन ने बड़े ही तीखे अंदाज में पलटवार किया है। कल्पना सोरेन ने बाबूलाल मरांडी को टैग करते हुए लिखा है कि मेरा नाम कल्पना मुर्मू सोरेन है आदरणीय बाबूलाल जी! मैं हेमन्त जी की पत्नी होने के साथ गांडेय की महान जनता का प्रतिनिधित्व भी करती हूँ। इससे पहले मैं एक शिक्षिका थी, जिसे राजनीति में नहीं आना था – पर आप लोगों की तानाशाही के कारण मजबूरी में आना पड़ा।
पर यह शर्म की बात है कि एक तरफ़ पूरा देश नवरात्रि में नारी शक्तिस्वरूपा माँ दुर्गा की उपासना कर रहा है और दूसरी ओर आप एक नारी को अपमानित करते हुए ओछी टिप्पणियां कर रहे हैं। माता रानी से आपकी सोच, सद्बुद्धि एवं विचारधारा सुधारने की प्रार्थना करती हूँ।
क्या कहा था बाबूलाल मरांडी ने
झारखंड की माताओं बहनों के बीच गोगो दीदी योजना की स्वीकार्यता देखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी बौखलाहट में हैं। हेमंत गोगो दीदी योजना का दुष्प्रचार कर रहे हैं और सरकारी अधिकारियों के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ताओं को डराने धमकाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन भाजपा कार्यकर्ता हेमंत की गीदड़भभकी से डरने वाले नहीं हैं। पिछले 5 सालों में जनता के साथ झूठा वादा करने वाले हेमंत को झारखंड की जनता करारा जवाब देगी।
क्या है गोगो दीदी योजना
झारखंड में चुनाव से पहले भाजपा ने मंईयां सम्मान योजना के जवाब में गोगो दीदी योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत प्रत्येक महिलाओं और बेटियों को 2100 रुपये प्रति महीना और 25,200 रुपये साल दिए जाने का दावा किया गया है।गोगो संथाली भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ मां होता है।
यानी इस योजना का अर्थ मां-दीदी योजना कह सकते हैं। बीजेपी की तरफ से दावा किया गया है कि झारखंड राज्य के हर गरीब परिवार की महिला और बेटी योजना से लाभ उठा सकती हैं। इस योजना के लिए भी न्यूनतम उम्र सीमा 18 वर्ष से 60 साल रखी गई है।