शिक्षा विभाग : स्कूलों में छुट्टी रद्द करना पड़ गया महंगा, प्रधान सचिव, शिक्षा सचिव व DEO के खिलाफ परिवाद दायर
Court News: गांधी जयंती पर छुट्टी का आदेश रद्द करना शिक्षा विभाग के अधिकारियों को महंगा पड़ सकता है। मामला कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बिहार शिक्षा विभाग के खिलाफ परिवाद दायर किया है।
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा का कहना है कि 2 अक्टूबर की छुट्टियों को समाप्त कर सभी शिक्षकों को ड्यूटी पर जाने का आदेश दिया गया था। न्यायालय ने परिवाद को स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 28 अक्टूबर को तय की है।
अधिवक्ता ने अपने परिवाद में कहा है कि इतना ही नहीं 2025 में निकाले गए छुट्टियों के कैलंडर में भी 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर छुट्टी रद्द कर दी गई है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर गांधी जयंती के दिन छुट्टी की घोषणा की गई है। सुधीर कुमार ओझा ने विभाग के प्रधान सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ, सचिव बैद्यनाथ यादव सहित जिला शिक्षा पदाधिकारी, मुजफ्फरपुर मुस्तफा हुसैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने मुजफ्फरपुर जिले में गांधी जयंती की छुट्टी को रद्द कर दिया था। इसे लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में परिवाद दायर किया गया है। सुधीर कुमार ओझा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर बीएनएस की धारा 352, 353 और 197 के तहत परिवाद दायर किया है।
दरअसल 2 अक्टूबर के दिन महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जाती है। दोनों महापुरुषों की जयंती के दिन सरकारी छुट्टी होने के बाद बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा जानबूझकर छुट्टियों को रद्द किए जाने से महापुरुषों की प्रतिष्ठा का हनन हुआ है। इसे लेकर उन्होंने यह परिवाद दायर किया है।