गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति पहुंचे भारत, परमाणु परीक्षण का समर्थन करने वाले फ्रांस और भारत की है गहरी दोस्ती, पढ़िए डिटेल

French President, the chief guest of the Republic Day, reached India, France and India, which support nuclear testing, have a deep friendship

नई दिल्ली। देश 75वें गणतंत्र दिवस मना रहा है। ऐसे में समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति भारत पहुंच चुके हैं। 26 जनवरी की गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य हिस्सा बनेंगे। फिलहाल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) भारत की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के तहत जयपुर पहुंच गए हैं. जयपुर हवाई अड्डे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनका स्वागत किया। फ्रांस और भारत के बीच गहरी दोस्ती है।

फ्रांस ने सार्वजनिक मंच पर भारत के परमाणु परीक्षण का किया था समर्थन

फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में शामिल है. लेकिन उन पांचों देश में केवल फ्रांस ने ही भारत के परमाणु परीक्षण का समर्थन किया था. यही नहीं सार्वजनिक मंच भी भारत के समर्थन में आवाज बुलंद की थी. फ्रांस ने उस समय भारत पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों की भी आलोचना की थी. उस दौर के बाद से भारत और फ्रांस के रिश्तों में काफी मजबूती आने लगी.

भारत और फ्रांस के बीच गहरी दोस्ती

भारत और फ्रांस के बीच हमेशा से गहरी दोस्ती रही है. फ्रांस ने भारत का ऐसे समय में साथ दिया था, जब पूरी दुनिया भारत के खिलाफ खड़ी हो गई थी. दरअसल 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था. तब पूरी दुनिया भारत के खिलाफ हो गई थी. पश्चिमी देशों ने भारत पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थी. वैसे संकेट की घड़ी में भी फ्रांस ने भारत का साथ दिया. फ्रांस इकलौता पश्चिमी देश था, जिसने खुलकर भारत का साथ दिया. समर्थन के साथ-साथ फ्रांस ने प्रतिबंध हटाने को लेकर भारत की ओर से किए जा रहे प्रयासों का भी समर्थन किया.

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पीएम मोदी और मैक्रों के बीच होगी कई मुद्दों पर बात और समझौते

जयपुर में पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच कई मुद्दों पर बातचीत और समझौते होंगे. दोनों नेताओं के बीच जो बातचीत का एजेंडा है, उसमें रक्षा और सुरक्षा, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा और छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही जैसे क्षेत्रों में सहयोग शामिल हैं.

मैक्रों की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब दोनों देशों के शीर्ष वार्ताकार भारत द्वारा 26 राफेल-एम (समुद्री संस्करण) लड़ाकू विमान और फ्रांसीसी-डिजाइन वाली तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद के लिए दो रक्षा सौदों को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं. माना जा रहा है कि मोदी और मैक्रों हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग बढ़ाने, लाल सागर में हालात, हमास-इजराइल संघर्ष और यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा कर सकते हैं. फ्रांस 2030 तक अपने यहां 30,000 भारतीय छात्रों का स्वागत करना चाहता है.

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