10 शिक्षिकाओं को आखिरी अल्टीमेटम: 48 घंटे के भीतर जवाब दें, नहीं तो करेंगे बर्खास्त, शिक्षा विभाग ने जारी किया फाइनल नोटिस, जानियें क्या है पूरा मामला…

Final ultimatum to 10 teachers: reply within 48 hours, otherwise they will be dismissed, Education Department issued final notice, know what is the whole matter...

Teacher News: 48 घंटे के भीतर जवाब दें, नहीं तो कर दिया जायेगा बर्खास्त… शिक्षिकाओं को विभाग ने आखिरी अल्टीमेटम दे दिया है। दरअसल प्रमाण पत्र की जांच में कैमूर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत आयी थी। जिसके बाद अब शिक्षा विभाग ने सख्त रूख अपना लिया है।

बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से इडब्ल्यूएस का गलत प्रमाणपत्र देकर नौकरी पाने वाली 10 शिक्षिकाओं को नोटिस जारी किया है। 48 घंटे के अंदर जवाब नहीं देने पर सभी शिक्षिकाओं पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जायेगी।

शिक्षिकाओं को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि विज्ञापन के आधार पर आप सभी लोगों की नियुक्ति हुई है. आपके द्वारा आवेदन के समय इडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र अपलोड किया गया है, जिसके आधार पर आपकी नियुक्ति विद्यालय अध्यापक पद पर हुई है।

कंडिका चार में स्पष्ट अंकित है कि अविवाहित महिला का इडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र पिता के नाम से बनेगा एवं विवाहित महिला का इडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र पति के निवास स्थान के साथ पति के नाम से बनेगा। लेकिन, आप लोगों द्वारा विवाहित होने के बाद भी इडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र पिता के नाम से बनाया है।

इस तरह आप लोगों द्वारा धोखाधड़ी कर इडब्ल्यूएस का प्रमाणपत्र जमा कर नौकरी प्राप्त कर ली गयी है। साथ ही आदेश में कहा है कि संबंधित मामले का स्पष्टीकरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। अन्यथा, धोखाधड़ी से नियम के प्रतिकूल आरक्षण के लाभ लेने की स्थिति में आपकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जायेगी।

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साथ ही दिये गये वेतन की रिकवरी करते हुए कानूनी कार्रवाई की जायेगी। बता दें कि बीपीएससी द्वारा चयनित जिले के लगभग 80 शिक्षक व शिक्षिकाओं के कागजों में गड़बड़ी मिली है।

विभागीय आदेश के आलोक में बीपीएससी द्वारा चयनित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के कागजातों की जांच की जा रही है। जांच के दौरान लगभग 80 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं के कागजातों की गड़बड़ी मिल रही है।

कई शिक्षकों द्वारा उत्तर प्रदेश का निवास देकर डीएलएड की पढ़ाई की गयी है। उत्तर प्रदेश से पढ़ाई करने के बाद नौकरी प्राप्त की गयी है, तो वहीं कई शिक्षकों द्वारा जाति प्रमाणपत्र भी गड़बड़ देकर नौकरी प्राप्त की गयी है।

इतना ही नहीं, शादी होने के बाद पति के गांव से नहीं, बल्कि मायके से इडब्ल्यूएस बनाकर नौकरी ली गयी है। वहीं कई शिक्षकों द्वारा ऐसे विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय से डीएलएड एवं बीएड का प्रमाणपत्र दिया गया है, जिसकी मान्यता ही प्राप्त नहीं है।

हालांकि, गलत तरीके से नौकरी प्राप्त करने वाले जिले के बीपीएससी द्वारा चयनित 14 शिक्षक-शिक्षिकाओं पर कार्रवाई हो चुकी है

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