शर्मनाक:भारतीय रेल ने अपने ही कर्मी की प्लेटफार्म पर कुचल कर ले ली जान, मौजूद लोग बनाते रहे रील

Shameful: Indian Railways took the life of its own employee by crushing him, people present kept making reels.

रेलवे न्यूज। भारतीय रेल सुगम, आरामदायक, और सस्ता सफर के लिए जाना जाता है इसके लिए जी जान से रेलवे के कर्मी जान जोखिम में डालकर लगे रहते है।परंतु सुगम यात्रा के लिए उठाए जा रहे प्रक्रिया में यदि रेल कर्मी की ही जान चली जाए तो सवाल उतना लाजिमी है? ऐसी ही एक घटना शनिवार की सुबह घटी जब एक दर्दनाक हादसे में रेलवे कर्मी की जान चली गई।

हद तो तब हो गई जब प्लेटफार्म पर हुई घटनास्थल पर मौजूद यात्री इसका रील बनाते रहे ये  मानवीय संवेदना को तार तार करने वाली है। घटना भी बिहार के बरौनी स्टेशन के प्लेटफार्म पर हुई, क्योंकि प्लेटफार्म पर सभी संसाधन मौजूद रहते है, यात्रियों की भीड़ रहती है।प्लेटफार्म पर हुई ये घटना भारतीय रेल के मुंह पर तमाचा है।

कहां हुई घटना

घटना बरौनी जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर हुई, जब रेल कर्मी इंजन की कपलिंग बदल रहा था।घटना का दृश्य इतना दर्दनाक था कि कई यात्री सदमे से उबर नहीं पाए। हादसे में मरने वाले रेलवे कर्मचारी की पहचान दलसिंह सराय गांव के रहने वाले 35 वर्षीय अमर कुमार रावत के रूप में हुई है।

कैसे हुई घटना

घटना 9 नवंबर की सुबह करीब 9 बजे बिहार के बेगूसराय जिले के बरौनी स्टेशन की है जहां एक शंटमैन लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस (15204) ट्रेन की शंटिंग का काम कर रहा था. कोच की कपलिंग खोलने के दौरान इंजन पीछे आ जाने से शंटमैन की कोच और इंजन के बीच दब  गया और जान चली गई.

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ड्राइवर इंजन छोड़ कर भागा

जिस समय इंजन ने रेलवे कर्मचारी को कोच की ओर धक्का दिया उस समय प्लेटफॉर्म पर मौजूद लोगों ने शोर मचाया, लेकिन इंजन छोड़ ड्राइवर भाग गया. स्थानीय लोगों के अनुसार ड्राइवर ने पहले तो गलत तरीका अपनाते हुए इंजन को पीछे किया और फिर हादसा देख भाग खड़ा हुआ.

 

वहीं, इस हादसे पर स्थानीय रेलवे यूनियन ने रेल प्रसाशन पर आरोप लगाया है कि कपलिंग का काम करने के लिए कम से कम चार कर्मचारियों की जरूरत होती है, लेकिन यहां सिर्फ एक शंटमैन और ड्राइवर से ये काम कराया जा रहा था जिससे सही कोऑर्डिनेशन नहीं बन सका और रेल कर्मी की जान चली गई.

क्या कहते है DRM

सोनपुर के DRM (डिविजनल रेलवे मैनेजर) विवेक भूषण ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही, मृतक के परिवार को मदद दी जा रही है. DRM ने कहा कि वो टीम के साथ एक मीटिंग करेंगे कि इस तरह की घटना दोबारा न हो.

रेल यूनियन ने लगाया आरोप

रेल यूनियन से जुड़े शिव प्रकाश ने कहा कि नियम के मुताबिक एक शंटिंग स्टाफ इंजन पर होना चाहिए. एक स्टाफ को सिग्नल देना चाहिए और एक स्टाफ को देखना चाहिए कि उनका आदमी क्लियर हुआ या नहीं. उनके मुताबिक घटना के दौरान सिर्फ दो लोग ही इस काम में लगे हुए थे.

शिव प्रकाश के मुताबिक सिग्नल दिए बिना ही इंजन बैक हो गया, जिसके कारण अमर कुमार राउत इंजन और बोगी के बीच फंस गए और वो निकल नहीं पाए. बताया जा रहा है कि अमर कुमार राउत ने साल 2021 में अपने पिता के निधन के बाद अनुकंपा पर रेलवे में नौकरी पाई थी.

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मौजूद लोग बाबा रहे थे रील

घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि हादसे के दौरान कई लोग अपने मोबाइल से फोटो और वीडियो बनाने में व्यस्त थे, लेकिन किसी ने भी समय रहते मदद की कोशिश नहीं की. इस अमानवीयता को लेकर भी लोगों में आक्रोश देखा गया. अमर कुमार की मौत से उनके सहकर्मियों और परिवार में गहरा शोक है.

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