पत्नी ने मांगा 7 दिन साथ रहने का हर्जाना 40 लाख, जज ने सुनाया ऐसा फैसला की…VIDEO देख दंग रह जायेंगे आप
Wife asked for compensation of Rs 40 lakh for living together for 7 days, the judge gave such a decision...You will be stunned after watching VIDEO
कोर्ट न्यूज: कोर्ट में कई तरह के मामले का निष्पादन किया जाता है परंतु कभी कभी कोर्ट रम ऐसे भी मामले आते है जब जज की फैसला सुनाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और जज भी सोचने को मजबूर हो जाते है कि क्या ऐसा भी हो सकता है?
दरअसल मामला MP हाइकोर्ट का है जहां एक ऐसे मामले पर सुनवाई हुई जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, साथ ही ये संदेश भी सामने आ रहे है कि शादी कोई सौदा नहीं, शादी एक ऐसा पवित्र बंधन है जिससे कई परिवार की भावनाएं और रिश्ते जुड़े होते हैं।
दरअसल 15 वर्ष पूर्व इंजीनियर रवि की शादी धूमधाम से स्नेहा के साथ हुई।परंतु स्नेहा महज 7 दिन ही पति के साथ रही और ससुराल में सिर्फ 1 महीने। इसके बाद पत्नी ने तलाक की अर्जी लगा दी और हर्जाने के रूप में 40 लाख मांगा। जबकि इनकी कोई संतान भी नहीं है।
शादी या सौदा?
रवि और स्नेहा की शादी पूरे धूमधाम से हुई। रवि एक सफल इंजीनियर था, और स्नेहा पढ़ी-लिखी, स्वतंत्र विचारों वाली महिला। शादी के पहले सब कुछ सही लग रहा था, लेकिन शादी के बाद मुश्किलें शुरू हो गईं।
स्नेहा शादी के बाद केवल सात दिन रवि के साथ रही। उसके बाद वह अपने मायके लौट गई, यह कहते हुए कि वह इस शादी से खुश नहीं है। दोनों परिवारों ने सुलह कराने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी।
30 लाख देने को राजी
कुछ महीने बाद स्नेहा ने तलाक और 40 लाख रुपये का अलिमोनी मांगा। रवि के लिए यह चौंकाने वाला था। वह समझ नहीं पा रहा था कि महज सात दिन के साथ के लिए इतनी बड़ी रकम क्यों? हालांकि, उसने 30 लाख देने की पेशकश की, ताकि मामला जल्दी खत्म हो।
मामला कोर्ट में पहुंचा। जज ने स्नेहा के दावे को अनुचित बताया और कहा, “कानून को जबरन वसूली का औजार नहीं बनाया जा सकता।” साथ ही कोर्ट ने पूछा कि बच्चे हैं या नहीं इसका जवाब ‘ ना ‘ में मिला।
यह सुनकर रवि को राहत मिली। लेकिन इस घटना ने उसे और बाकी समाज को एक सबक सिखाया – शादी सिर्फ एक सामाजिक अनुबंध नहीं है, यह जिम्मेदारी, समझदारी और संवेदनशीलता का बंधन है। रिश्ते दिल से बनते हैं, सौदेबाजी से नहीं।
<blockquote
class="twitter-tweet" data-media-max-width="560"><p lang="hi"
dir="ltr">इस वीडियो में देखने में तो सिर्फ आपको बहस ही लग रही होगी
<br><br>लेकिन आप इसको अपने मन की आत्मा से सुनेंगे तो पाएंगे
यहां मोल भाव हो रहा है <a
href="https://t.co/lUCdePIGLF">pic.twitter.com/lUCdePIGLF</a></p>—
Rupali Gautam (@rupali_gautam83) <a
href="https://twitter.com/rupali_gautam83/status/1863215303842275731?ref_src=twsrc%5Etfw">December
1, 2024</a></blockquote>
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इसके पूर्व में कोर्ट में ऐसे कई फैसले आए है जब जज ने हर्जाने की रकम को ऐश मौज में जीने का जरिया माना है। इस मामले में भी 15 साल से अलग रहने की बात की ध्यान में रखते हुए बिना मुआव
जा शादी को तोड़ने संबंधी आदेश सुनाने को लेकर तर्क दिए तब महिला के होश ठिकाने आए और 31 लाख हर्जाने पर सहमति जताई।
https://x.com/rupali_gautam83/status/1863215303842275731?t=zjNi3S8jz-O1GzMcURQT2A&s=19