JSSC CGL का बंगाल कनेक्शन, क्या शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ रहे हैं तार? भाजपा के आरोप से नयी सनसनी

JSSC CGL's Bengal connection, are there links to teacher recruitment scam? New sensation due to BJP's allegation

JSSC CGL Vivad : झारखंड में सीजीएल परीक्षा का विवाद थम नहीं रहा है। अब इसमें बंगाल कनेक्शन भी जुड़ गया है। इधर भाजपा लगातार इस मुद्दे पर सीबीआई जांच की मांग उठा रही है। हजारीबाग में शुरु हुआ आंदोलन अब राजधानी रांची की तरफ भी बढ़ता दिख रहा है। इन सब के बीच अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है।

 

 

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जानकारी मिली है कि बंगाल की किसी एजेंसी के द्वारा JSSC-CGL की परीक्षा निष्पादित कराई गई है। हम सबने देखा है कि बंगाल में शिक्षक बहाली के दौरान किस प्रकार धांधली हुई है, कितने लोग अब भी जेल में बंद हैं। CGL के अभ्यर्थियों के पास परीक्षा में हुई गड़बड़ी के पर्याप्त सबूत हैं।

 

 

बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा है कि झारखंड के युवा आपसे न्याय की गुहार लगा रहे हैं। JSSC-CGL परीक्षा की जांच सीबीआई को सौंप कर छात्रों को न्याय दिलाने और साजिश के उद्भेदन में सहयोग करिए।

 

छात्र-छात्राओं ने मंगलवार को किया था प्रदर्शन

 

बता दें कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा आयोजित कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षाओं के नतीजे रद्द करने की मांग को लेकर पिछले दिनों हजारों छात्र हज़ारीबाग़ में सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने दोपहर 1:30 बजे से राष्ट्रीय राजमार्ग 33 (एनएच-33) को अवरुद्ध कर दिया। इसकी वजह शाम 4:30 बजे तक भारी ट्रैफिक जाम रहा।

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राजमार्ग को अवरुद्ध करने के अलावा, छात्रों ने कोर्रा, मटवारी और लाखे सहित शहर के कई इलाकों में जबरन दुकानें बंद करा दीं। उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया और परिणाम घोषणा में व्यापक अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए जेएसएससी और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व उदय मेहता सहित प्रमुख छात्र नेताओं ने किया। आंदोलनकारियों ने पेपर लीक और पहले रद्द की गई परीक्षाओं के प्रश्नों को दोबारा दोहराए जाने जैसी अनियमितताओं का दावा किया।

 

21-22 सितंबर में हुई थी परीक्षा

21-22 सितंबर को राज्य भर के 823 केंद्रों पर आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में लगभग 2,025 सरकारी पदों के लिए 3 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया। परीक्षा के तुरंत बाद विवाद शुरू हो गया। आरोपों के जवाब में, JSSC ने एक जांच समिति का गठन किया, जिसने बाद में परीक्षा प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष घोषित किया। इसके बावजूद, 4 दिसंबर को घोषित नतीजों ने विरोध को और तेज़ कर दिया।

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