पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा लोकसभा में भी उठा…. महिला सांसद ने प्रधानमंत्री से पूछा ये सवाल, जवाब में ….
नयी दिल्ली: पुरानी पेंशन की बहाली का मुद्दा पूरे देश में गरम है। देश के दो राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने पुरानी पेंशन बहाली कर दी है, जबकि झारखंड पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में बढ़ रहा है। हालांकि 2004 के पूर्व विज्ञापन वाले, लेकिन NPS के लागू होने के बाद नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों के लिए झारखंड सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली का आदेश जारी कर दिया है। इधर लोकसभा में पुरानी पेंशन स्कीम और नेशनल पेंशन स्कीम का मुद्दा उठा। लोकसभा में ये मुद्दा सांसद देबाश्री चौधरी ने उठाया।
प्रधानमंत्री से ये सवाल पूछा गया कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी संख्या 15312-15321/2021 सहित कई विशेष अनुमति याचिका और समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया है ? और ये आदेश दिया है कि केंद्र सरकार के वो कर्मचारी जिनका विज्ञापन 1.1.2004 से पहले जारी किया गया था और जिनकी ज्वाइनिंग व परिणाम 31.12.2004 के बाद हुआ है, उन्हें पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाये। सांसद देबाश्री चौधरी ने पुरानी पेंशन से जुड़े मामलों पर केंद्र सरकार का रूख जानना चाहा।
राज्यमंत्री ने दिया ये जवाब
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इस मामले में बताया कि वैसे सरकारी कर्मचारियों जिनकी चयन प्रक्रिया 1.1.2004 के बाद हुई थी, पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की अनुमति देने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों के विरूद्ध केंद्र सरकार द्वारा दायर कुछ एसएलपी व समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है। वित्तीय सेवा विभाग ने अपनी टिप्पणियों में बताया है कि पेंशन व पेंशनभोगी कल्याण विभाग उन कर्मचारियों, जिनकी भर्ती के लिए विज्ञापन 1 जनवरी 2004 को या उससे पहले जारी किया गया था, उन्हें एनपीएस के दायरे से बाहर करने और और उन्हें ओपीएस के तहत कवर करने में समुचित निर्णय ले सकता है।
कब जारी होगा आदेश
विधि विभाग ने सूचित किया है कि 1 जनवरी 2004 के पूर्व में जारी किये गये रिक्ति संबंधी विज्ञापन व अधिसूचना के आधार पर दिनांक 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद केंद्र सरकार की सेवा में नियुक्ति किये गये सरकारी सेवकों को पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत कवर करने के लिए कार्यालयीन निर्देश जारी करने के निर्णय से संबंधित मुद्दे की इस विभाग में जांच की गयी तथा उसे सही पाया गया है, हालांकि इस संबंध में सामान्य आदेश जारी करने का कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है।