वित्तीय मनमानी: स्वास्थ्य विभाग नहीं मानता वित्त विभाग का आदेश..किसे कब से मिलेगा HRA वृद्धि का लाभ, खुद करते हैं तय
Financial arbitrariness: Health Department does not accept the orders of Finance Department..Who will get the benefit of HRA increase and when, they decide themselves.
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Dhanbad: वित्त विभाग का आदेश सभी विभागों के लिए मान्य होता है परंतु जिले का स्वास्थ्य विभाग वित्त विभाग का आदेश नहीं मानता।हाल के दिनों ने घूसखोरी कांड से प्रसिद्द जिले का सिविल सर्जन कार्यालय अब नई सुर्खियों में हैं।
स्वास्थ्य कर्मी अब पूछने लगे है कि क्या सिविल सर्जन कार्यालय ट्रांसफर पोस्टिंग, मेडिकल सर्टिफिकेट, विकलांग सर्टिफिकेट, anm पासआउट सर्टिफिकेट के बाद क्या अब HRA के नाम नई सुर्खियों बटोरने वाला है।लगातार अपने कारनामे से बदनामी बटोरने वाला सिविल सर्जन कार्यालय का इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि उनकी उपलब्धि में एक नई उपलब्धि जुड़ जाय।
क्या है मामला
दरअसल मामला मकान किराया भत्ता से जुड़ा हुआ है।पिछले वर्ष 746/वित्त/15.03.2024 में वित्त विभाग ने राज्य भर के कर्मियों के लिए सभी विभागों को ये आदेश जारी किया था कि नगर निगम परिसीमन क्षेत्र से 8 km के दायरे में आने वाले संस्थान को शहरी क्षेत्र की दर से मकान किराया भत्ता दिया जाएगा। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र का मकान किराया भत्ता दुगुना है।
ये आदेश सभी विभागों को वित्त विभाग ने जारी किया था जो सभी विभाग की अमल करना था। परंतु वो है विभाग ने अपनी ओर से निष्क्रियता दिखाई।जिसके बाद कर्मियों ने खुद इसकी पहल की और वित्त विभाग के आदेश का लाभ लेने के लिए भाग दौड़ शुरू की।
कैसे मिलता है लाभ
कोई भी संस्थान का नगर निगम परिसीमन क्षेत्र से 8 km दायरे में होने का प्रमाण पत्र पथ निर्माण विभाग देता है। जिसके बाद उस प्रमाण पत्र के आधार पर स्थापना शाखा सिविल सर्जन आदेश जारी करते है। इसी आदेश के तहत उस संस्थान कर्मियों को ये लाभ मिलना शुरू होता है।वर्तमान में स्थापना शाखा का जिम्मा सिविल सर्जन कार्यालय में कई मामले के आरोपी कर्मी संभाल रहे है।
कब से मिलना था ये लाभ
वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार ये लाभ राज्यकर्मियों को पत्र निर्गत होने की तिथि से देय हैं।इस पत्र के लाभ का इंतजार कर रहे कर्मियों को इसका लाभ देने में सिविल सर्जन कार्यालय ने कोई रुचि नहीं दिखाई जिसके बाद कर्मियों ने अपने स्तर से पथ निर्माण विभाग से प्रमाण पत्र हासिल कर वित्त विभाग के नियमानुसार लाभ कि मांग की।
क्या लगाते है पेंच
वित्त विभाग के आदेश के अनुसार कर्मियों को ये लाभ मार्च 2024 से लागू है उसके वावजूद जिन कर्मियों ने जिस माह में अपने संस्थान का दूरी प्रमाण पत्र जमा किया उसे उस माह से ये लाभ दिया जाने लगा।मसलन यदि किसी संस्थान के कर्मियों ने सितम्बर माह में दूरी प्रमाण पत्र जमा किया तो उसे सितंबर माह से, किसी ने नवंबर माह में दूरी प्रमाण पत्र हम किया तो नवंबर माह से, किसी कर्मी ने जनवरी माह में दूरी प्रमाण पत्र जमा किया तो जनवरी माह से उसे लाभ दिया जा रहा है। जो कर्मियों की मिलने वाली वित्त विभाग के आदेश के एकरूपता के विरुद्ध है। कार्यालय से जो आदेश जारी किए जा रहे है उसमें किस महीने से कर्मियों को इसका लाभ दिया जाना है वो सिविल सर्जन कार्यालय की इच्छा पर निर्भर करती है।
क्या कहते है जानकार
इस संबंध में जानकार का कहना है कि वित्त विभाग का आदेश सर्वोपरि है। पत्र निर्गत की तिथि से ये लाभ कर्मियों को दिया जाना चाहिए। विभाग को स्वयं उस जिले के पथ निर्माण विभाग से संस्थान की दूरी से संबंधित पत्राचार करना चाहिए ताकि संबंधित संस्थान के कर्मियों की ये लाभ दिया जा सके।ऐसा नहीं है कि कोई संस्थान नगर निगम परिसीमन क्षेत्र से 8 km की दूरी सितंबर माह में अलग और अप्रैल माह में अलग होगी।
विभाग के अलग अलग दिए जा रहे आदेश से कर्मियों में असंतोष है।जबकि कर्मी मार्च से इसके लाभ कि मांग कर रहे है। सिविल सर्जन कार्यालय अलग अलग तरीके से ये आदेश जारी करने के पीछे का कोई ठोस वजह नहीं बता रहे।