5 बार आवेदन 13 वर्ष से कार्यालय के चक्कर...फिर भी 73 वर्षीय विधवा बुजुर्ग को नहीं मिल पाया पेंशन तो छलका दर्द, VIDEO
गढ़वा । पिछले 1 महीने से आपकी सरकार, आपकी योजना, आपके द्वार कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक दावे किए जा रहे हैं, वही मुख्यमंत्री भी हर एक जिले में घूम घूम कर कई परिसंपत्ति और तरह-तरह की योजनाओं का लाभ बांट रहे हैं उसके बावजूद जिले में एक बुजुर्ग विधवा महिला की कहानी भी ऐसी है जो 13 साल से अपने पेंशन और राशन कार्ड के लिए दर-दर भटक रही है। आखिर इस बुजुर्ग विधवा महिला का सुनने वाला क्यों नहीं? फोटो में दिख रही महिला की देख कर आपका दिल पसीज उठेगा की जिन योजनाओं का लाभ तुरंत मिल जानी चाहिए थी उसे जन प्रतिनिधि और पदाधिकारी इतने वर्षों से क्यों नहीं दिला पाए?
स्थानीय पदाधिकारी अलग-अलग तरीके से आश्वासन देकर चले गए। परंतु सवाल अपने आप में बड़ा है कि आखिर इस 73 साल की बुजुर्ग महिला को जब कोई योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है तो बड़े-बड़े दावे की करने वाली कार्यक्रम का फायदा क्या? प्रखंड से लेकर जिला के पदाधिकारी तक सिर्फ फोटो सेशन और पीठ थपथपाने वाले कार्यक्रम तो नहीं करा रहे?
इस उम्र में जहां चलने फिरने की ताकत भी शिथिल होती जाती है वही जब एक बुजुर्ग महिला अपने वृद्धा पेंशन के लिए कार्यालय के चक्कर लगा रही है। पता नहीं उन पदाधिकारी का जमीर क्यों नहीं जागा ?आखिर पदाधिकारी अपनी जिम्मेवारी क्यों नहीं निभा पाए जो आज भी उस बुजुर्ग महिला को वृद्धा/विधवा पेंशन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक मामला गढ़वा जिले का है, जहां केतार प्रशासन एक ओर पेंशन राशि के माध्यम से वृद्धों को सहायता देने का बड़े बड़े दावे तो कर रही लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ और ही दिख रही है। केतार प्रखण्ड में वृद्धों को हर माह पेंशन दिए जाने के दावे गलत साबित हो रहे हैं।
क्या है मामला
गढवा जिले के केतार प्रखण्ड मुख्यालय से 11 किमी दूर ग्राम छाताकुण्ड की 73 वर्षीय वृद्ध महिला लगभग 13 वर्षों से विधवा पेंशन के लिए दर-दर भटक रही है। ग्राम पंचायत एवं प्रखण्ड कार्यालय मे 5 आवेदन देने के बावजूद महिला को कोई आश्वासन नहीं मिल पाया है। ग्राम छाताकुण्ड निवासी वृद्ध महिला जीरा कुवंर पति स्व.बिन्देशवरी सिहं ने बताया कि लगभग 7 वर्ष पूर्व उनके पति का निधन हो गया था।
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण सरकार की विधवा पेंशन योजना का लाभ लेना चाहा। कई बार आवेदन देने के बाद भी योजना का लाभ नहीं मिल पाया। वृद्ध महिला ने बताया की पुर्व मे हुए जनता दरबार में मामले को मुखिया एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी के समक्ष रखा। उन्होंने कहा की अबकी बार आपका निश्चित हो जाएगा लेकिन कोई असर नहीं हुआ,आवेदन बार-बार निरस्त हो रहा है। कोई आदमी गरीब का सुनने वाला नहीं हैं वृद्ध महिला ने सरकार से पेंशन को लेकर न्याय की गुहार लगाई है|
महिला ने आक्रोशित होते हुए कहा कि जब चुनाव का समय आता है तो नेता घोषणा पत्र के माध्यम से लुभावने वादे करते हैं। शासन की सभी योजनाओं का लाभ दिलाने की बात करते हैं। चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि गांव में झांकने तक नहीं आते हैं| पंचायत जन प्रतिनिधि भी सार्थक पहल नहीं कर रहे है। नतीजतन आज भी बुजुर्ग वर्ग पेंशन राशि के लिए भटक रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है की कब तक जरूरतमंद तक सरकारी योजना का लाभ पहुंच पाएगा।