हार के बाद हिमंता का दर्द छलका, बोले, इस चुनाव में सब कुछ झोंक दिया…लेकिन जनादेश को …
After the defeat, Himanta expressed his pain and said, he gave everything in this election... but the mandate...
Jharkhand Vidhansabha Election: झारखंड में NDA को इतनी बुरी हाल मिलेगा, ये भाजपा तो छोड़िये, राजनीति के जानकारों ने भी नहीं सोचा होगा। लिहाजा कई राजनीतिक दलों के लिए ये परिणाम गले से नीचे नहीं उतर रहा है। इधर झारखंड में हार कोलेकर प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है। झारखंड चुनाव रिजल्ट पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘झारखंड विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश को हम स्वीकार करते हैं. लोकतंत्र में जनता-जनार्दन का निर्देश सर्वोपरि है।
The loss in Jharkhand is deeply painful for me personally, even though we secured victory in all five by-elections in Assam. I have witnessed the unwavering dedication and relentless efforts of our Karyakartas in Jharkhand, who gave their all in this election. We fought with a…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 23, 2024
नड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सदैव झारखंड के विकास व रोटी, बेटी और माटी के सम्मान, सुरक्षा व समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है. हम जनजातीय भाई-बहनों समेत जनता के हित के मुद्दे उठाते रहेंगे. चुनाव के दौरान संगठन के लिए समर्पित सभी कार्यकर्ताओं का अभिनंदन एवं प्रदेश की जनता का हार्दिक आभार।
झारखंड के चुनाव नतीजे पार्टी को निराश करने वाले हैं। एनडीए गठबंधन महज 25 सीटें जीत सका। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी 68 सीटों पर चुनाव लड़कर महज 21 सीटें ही जीत सकी। पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार उसकी 3 सीटें घट गईं। बीजेपी की इस हार के बाद पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले असम के सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा ने पोस्ट किया है।
उन्होंने लिखा, ‘झारखंड में हार मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत दुखद है, भले ही हमने असम में सभी पांच उपचुनावों में जीत हासिल की हो। मैंने झारखंड में अपने कार्यकर्ताओं के अटूट समर्पण और अथक प्रयासों को देखा है, जिन्होंने इस चुनाव में अपना सब कुछ झोंक दिया। हमने राज्य को घुसपैठ से बचाने और छात्रों और युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए इसे विकास के पथ पर ले जाने के दृष्टिकोण के साथ चुनाव लड़ा।
हालांकि, हमें लोगों के जनादेश को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि यही लोकतंत्र का असली सार है. इन चुनौतीपूर्ण समय में, हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे और उन्हें अटूट समर्थन और एकजुटता प्रदान करेंगे। आपको बता दें कि इस चुनाव में हिमंता ने काफी मेहनत की थी। वो ना सिर्फ मैराथन चुनाव प्रचार कर रहे थे, बल्कि उन्होंने पार्टी के लिए रणनीति भी बनायी थी।
ऐसे में झारखंड में भाजपा का इतनी बुरी तरह से हार जाना निश्चित ही हिमंता के लिए बड़ा झटका है। हिमंता पर आचार संहिता उल्लंघन का केस भी दर्ज हुआ था। पिछले तीन महीने से वो लगातार झारखंड में थे और चुनाव प्रचार कर रहे थे। लेकिन इस हार के साथ ही उनका दर्द भी सबके सामने आ गया।