‘शराब और पैसे ने केजरीवाल को हराया’, दिल्ली में चेले की हार पर बोले गुरू अन्ना हजारे

Anna Hazare On Delhi Elections 2025: वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के हालात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और AAP नेता अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला किया है. अन्ना हजारे ने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह ‘पैसा और पावर’ के चक्कर में पड़ गए हैं और उनकी पार्टी अब हार की ओर बढ़ रही है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक बार फिर दिल्ली में सत्ता में आने के करीब पहुंच गई है, जबकि केजरीवाल खुद अपनी नई दिल्ली सीट से बीजेपी के प्रवेश वर्मा से हार गए हैं.

2011 के अन्ना आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में AAP पार्टी का गठन होते हुए देखा था. उन्होंने कहा कि  कई बार केजरीवाल को सही रास्ते पर चलने की सलाह दे चुके थे, लेकिन उन्होंने उस पर ध्यान नहीं दिया. विशेष रूप से, अन्ना हजारे ने अब रद्द हो चुकी दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी पर भी सवाल उठाए.

अन्ना हजारे ने क्या कहा?

अन्ना हजारे ने कहा, ‘मैंने हमेशा कहा है कि एक नेता का चरित्र, विचार और जीवन बेदाग होना चाहिए. अगर एक नेता का जीवन बिना किसी दाग के होता है तो लोग उस पर विश्वास करते हैं. लेकिन केजरीवाल ने इस पर ध्यान नहीं दिया और शराब नीति पर ध्यान केंद्रित किया.  आखिरकार, यह मुद्दा क्यों उठे? वह पैसे की शक्ति से प्रभावित हो गए.’

2021-22 की शराबनीति 

दरअसल, दिल्ली सरकार की 2021-22 की शराब नीति पर आरोप है कि यह नीति निजी थोक विक्रेताओं और रिटेलरों के पक्ष में थी और इसने AAP नेताओं को किकबैक देने का रास्ता खोला था. प्रवर्तन निदेशालय (ED) का कहना है कि इस नीति में थोक विक्रेताओं और रिटेलरों को उच्च मुनाफा मिलने का मौका दिया गया था, जिससे भ्रष्टाचार के आरोप लगे.

पत्र में अन्ना हजारे ने क्या कहा?

2022 में अन्ना हजारे ने एक पत्र में केजरीवाल से कहा था, ‘यह पहला मौका है जब मैं आपको पत्र लिख रहा हूं क्योंकि हाल ही में आपकी सरकार की शराब नीति को लेकर खबरें आ रही हैं. शराब की तरह, सत्ता भी नशा कर देती है. लगता है कि आप सत्ता के नशे में चूर हो गए हैं.’

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025

चुनाव के ताजे रुझानों के मुताबिक, बीजेपी दिल्ली में सत्ता हासिल करने की ओर बढ़ रही है. इसके समर्थन में बीजेपी के कार्यकर्ता दिल्ली मुख्यालय के बाहर जुटकर ढोल-नगाड़े और आतिशबाजी के साथ खुशी मना रहे हैं. वहीं, AAP की पकड़ जो 2015 में 70 में से 67 सीटों के साथ शुरू हुई थी, अब धीरे-धीरे कमजोर होती नजर आ रही है.

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