इकोनॉमिक सर्वे का बड़ा खुलासा , बताया प्याज टमाटर के बढ़ते दामों का असली कारण

Update: 2024-07-22 15:32 GMT

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 पेश किया गया। इस सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। सर्वेक्षण के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था का विस्तार जारी है। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में वास्तविक जीडीपी में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि होगी। सर्वेक्षण में प्याज और टमाटर की ऊंची कीमतों पर भी चर्चा की गई है।

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प्याज और टमाटर की कीमत बढ़ने का कारण

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, जुलाई 2023 में मौसम परिवर्तन के कारण फसलों में विभिन्न रोगों जैसे सफेद मक्खी के प्रकोप से कृषि उत्पादन प्रभावित हुआ है। इस बीच, देश के उत्तरी भाग में मानसून की बारिश के समय से पहले आने और विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन संबंधी व्यवधानों के कारण टमाटर की कीमतों में वृद्धि हुई है। सरकार ने प्याज की कीमतों में वृद्धि के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया है, जिनमें पिछले फसल सीजन के दौरान रबी प्याज की गुणवत्ता पर बारिश का प्रभाव, खरीफ प्याज की बुवाई में देरी, खरीफ उत्पादन को प्रभावित करने वाली लंबी अवधि का सूखा और अन्य देशों द्वारा व्यापार संबंधी उपाय शामिल हैं।

खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ी

बता दें कि, सरकार के 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि प्रतिकूल मौसम, कम जल स्तर और फसल क्षति ने कृषि उत्पादन को प्रभावित किया है, जिससे पिछले दो वर्षों में खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई है। फसलों के लिए प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण सब्जियों और दालों का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वित्त वर्ष 2012 में 5 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2013 में 6.6 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2014 में 7.5 प्रतिशत हो गई थी। पिछले सालों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि एक वैश्विक मुद्दा बन गई है। सरकार के अनुसार, जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक गर्मी, अनियमित मानसून, असामान्य वर्षा, ओलावृष्टि, भारी बारिश और सूखा सभी महत्वपूर्ण योगदान कारक हैं।

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