Ahoi Ashtami 2024 Date : अहोई अष्टमी 2024 कब है, जानें सही डेट, महत्‍व और पूजा का शुभ मुहूर्त

Update: 2024-10-21 08:16 GMT

Ahoi Ashtami 2024 Date and Time : अहोई अष्टमी हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को की जाती है और इस दिन माताएं अपने पुत्र की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं और उनकी खशहाली के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं।


करवाचौथ के 4 दिन बाद अहोई अष्‍टमी की व्रत रखा जाता है और इसमें तारों को अर्घ्‍य देकर माताएं व्रत खोलती हैं और भगवान का भोग लगाने के साथ अपने बच्‍चों को भी प्‍यार से खाना खिलाती हैं। इस दिन माताएं निर्जला व्रत करके अपनी संतान की दीर्घायु के लिए कामना करती हैं और अहोई माता की पूजा करती हैं।


अहोई अष्‍टमी के दिन गोवर्द्धन में राधा कुंड में स्‍नान किन जाने की परंपरा चली आ रही है। आइए जानते हैं कब है अहोई अष्‍टमी और तारों को अर्घ्य देने की विधि, महत्‍व और मान्‍यताएं।

अहोई अष्टमी 2024 कब है

अहोई अष्टमी इस साल 24 अक्‍टूबर को मनाई जाएगी। अहोई अष्टमी का व्रत माताएं कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि को रखती हैं और इस साल यह तिथि 24 अक्टूबर को सुबह 1 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 25 अक्टूबर को सुबह 1 बजकर 58 मिनट पर खत्म होगी। उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार, अहोई अष्‍टमी का व्रत 24 अक्‍टूबर को रखा जाएगा।

अहोई अष्‍टमी पर तारों को देखने का शुभ मुहूर्त

अहोई अष्टमी पर तारों को देखकर अर्घ्‍य देने का समय शाम को 6 बजकर 6 मिनट से है। इस दिन सूर्यास्त 5 बजकर 42 मिनट पर होगा। माताएं अहोई अष्टमी पर तारों को जल चढ़ाने के बाद पूजा करती हैं और उसके गुड़ के बने पुए से चंद्रमा का भोग लगाकर स्‍वयं भी उसी से व्रत खोलती हैं और बच्‍चों को भी वह पुए प्रसाद के रूप में देती हैं।

अहोई अष्टमी व्रत का महत्वअहोई अष्टमी व्रत का महत्व बहुत ही खास माना गया है। इस व्रत को करने से आपकी संतान खुशहाल होने के साथ ही दीर्घायु भी होती हैं। हर प्रकार के रोगों से उनकी रक्षा होता है और स्‍याऊं माता बच्‍चों का भाग्‍य बनाती हैं और उनको हर बुरी नजर से बचाती हैं। इस व्रत को करने से आपके घर में सुख समृद्धि बढ़ती हैं और आपके घर में बच्‍चे करियर में खूब तरक्‍की करते हैं। यह व्रत सूर्योदय से लेकर सूर्यास्‍त तक रखा जाता है और बिना अन्‍न जल ग्रहण तारों को जल अर्पित करने के बाद ही यह व्रत खोला जाता है।

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