Krishna Janmashtami 2024 Vrat Ke Niyam : जन्‍माष्‍टमी का व्रत कैसे करें, जानें व्रत के नियम और किन बातों का रखें ध्‍यान

Update: 2024-08-26 09:36 GMT

जन्‍माष्‍टमी भाद्रमास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को मनाई जाती है और यह तिथि इस बार 26 अगस्‍त को है। इसके अलावा 27 अगस्‍त को भगवान कृष्‍ण के जन्‍म की खुशी में जन्‍मोत्‍सव मनाया जाएगा। जन्‍माष्‍टमी हिंदू परिवार के अधिकांश घरों में रखा जाता है और कान्‍हाजी के जन्‍म की खुशियां मनाई जाती हैं। जन्‍माष्‍टमी का व्रत कैसे करें और इस दिन किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए, इसको लेकर शास्‍त्रों और पुराणों में कुछ नियम बताए गए हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्‍तार से।

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इस तरह रखें जन्‍माष्‍टमी का व्रत

जन्‍माष्‍टमी व्रत के नियमों को मानने की शुरुआत सप्‍तमी तिथि से ही हो जाती है। सप्‍तमी तिथि से ही व्रतियों को ब्रह्मचर्य का पालन शुरू कर देना चाहिए और सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए। इसके बाद अगले दिन जन्‍माष्‍टमी पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत करने का संकल्‍प लेना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए। जन्‍माष्‍टमी का व्रत आप चाहें तो फलाहार और जलाहार करके रख सकते हैं। लेकिन सूर्यास्‍त से लेकर अर्द्ध रात्रि तक भगपान के जन्‍म की बेला तक व्रतियों को निराहार रहना चाहिए। शाम को भगवान कृष्‍ण की पूजा करने से पहले एक बार स्‍नान जरूर कर लेना चाहिए।

जन्‍माष्‍टमी व्रत के नियम

1. जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले व्रतियों को पूरे दिन ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।

2. जन्माष्टमी के व्रत में भूलकर भी अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।

3. जन्माष्टमी का व्रत रात को 12 बजे भगवान का जन्‍म करवाने के बाद खोलना चाहिए। कुछ लोग जन्‍माष्‍टमी के व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करते हैं।

4. जन्‍माष्‍टमी के शुभ अवसर पर आपको भगवान कृष्‍ण के किसी मंदिर में जाकर दर्शन जरूर करने चाहिए।

5. जन्‍माष्‍टमी के दिन सुबह और रात में श्री कृष्ण भगवान की विधि विधान पूजा करनी चाहिए.

6. जन्‍माष्‍टमी के दिन भगवान को जिन चीजों का भोग लगाएं उन्हीं वस्‍तुओं को प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत खोलना चाहिए।

7. व्रत रखने वालों को गलती से भी दिन में सोना नहीं चाहिए।

8. किसी को अपशब्द नहीं बोलने चाहिए।

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