IAS News: रांची डीसी के पोस्टिंग पर चुनाव आयोग सख्त, सरकार को भेजा पत्र कहा - ये हाईकोर्ट के आदेश का उलंघन, 15 दिन के अंदर...

By :  HPBL
Update: 2024-10-04 06:52 GMT

Ranchi। राज्य में आइएएस ट्रांसफर पोस्टिंग पर हेमंत सरकार घिरती नजर आ रही है। चुनाव आयोग ने सरकार की पत्र लिखकर 15 दिनो के भीतर कारवाई करने को कहा है और जानकारी आयोग को उपलब्ध कराने को कहा है।

क्यों है विवाद

मालूम हो की  विवादों में घिरे आईएएस अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री फिर चर्चा में हैं. उन्हें 30 सितंबर को सरकार की तरफ से रांची का डीसी बनाया गया था. जिसके बाद एक अक्टूबर को उन्होंने पद भार ग्रहण किया.

इस तबादला आदेश के बाद एक बार फिर से सरकार और चुनाव आयोग मंजूनाथ भजंत्री को लेकर आमने-सामने है. आयोग ने मंजूनाथ को डीसी बनाए जाने पर नाराजगी जतायी है. आयोग की तरफ से सरकार को एक चिट्ठी लिखी है.

पत्र झारखंड मुख्य सचिव को लिखी गयी है. पत्र में साफ तौर से चुनाव  आयोग मंजूनाथ को रांची का डीसी बनाए जाने का विरोध किया है। आयोग का कहना है कि ऐसा होना हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.

क्या है मामला

मालूम हो की मामला मधुपुर उपचुनाव से संबंधित है। उस वक्त देवघर के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ ने अपने कार्यकलाप सेचुनाव की गरिमा को ठेस पहुंचाई थी। साथ ही हेमंत सरकार के पक्ष में काम करने और आचार संहिता उलंघन का आरोप था।

 आईएएस मंजूनाथ और सांसद डा निशिकांत दूबे के आपसी मतभेद किसी से छुपी नहीं है। कई मुद्दे पर सांसद पर विभागीय कारवाई और मुकदमा दर्ज देवघर के डीसी रहते करवाया था।जिसे सांसद ने कोर्ट में चुनौती दी और मंजूनाथ को बैक फुट पर आना पड़ा था। सूत्र ये भी बताते है की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चहेते आईएएस में से एक मंजूनाथ हैं जिन्हें हमेशा सरकार का साथ मिला है।

क्यों है चुनाव आयोग सख्त

 इस मामले पर संज्ञान लेकरआयोग ने 15 दिसंबर 2022 को पत्र भेजकर इस मामले में मुख्य सचिव की राय मांगी जो आयोग को नहीं मिली. 26 दिसंबर को मंजूनाथ भजंत्री से जिला निर्वाचन पदाधिकारी का काम वापस लेते हुए डीडीसी को सौंप दिया गया.

इस बीच मंजूनाथ भजंत्री ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव आयोग के 6 दिसंबर 2021 के आदेश को चुनौती दी. इसमें चुनाव आयोग के आदेश के नियम विरुद्ध बताया गया. सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद भजंत्री की याचिका को स्वीकार कर लिया.

इस फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग ने हाई कोर्ट में एलपीए दायर की. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 3 सितंबर 2024 को अपना फैसला सुनाते हुए चुनाव आयोग के आदेश को सही करार दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आयोग का निर्देश मानना राज्य के लिए बाध्यकारी है. आयोग का आदेश नहीं मानना संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार करने जैसा है.

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