भगवान वेंकटेश्वर के प्रसाद में चर्बी का दावा : भक्तों की गुहार, क्या सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई?

Update: 2024-09-23 09:26 GMT


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है जिसमें तिरुमाला तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का अनुरोध किया गया है। हिंदू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भक्तों को घी के बजाय जानवरों की चर्बी से बने लड्डू प्रसाद परोसकर हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया है, जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।

याचिका में कहा गया है कि, श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू प्रसाद तैयार करने में पशु वसा के इस्तेमाल के आरोपों ने हिंदू समुदाय की अंतरात्मा को गहराई से आहत किया है और इसके सदस्यों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। टीटीडी आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है।

याचिका में क्या कहा गया

याचिका में कहा गया है, "यह याचिका आम जनता के हित में दायर की गई है, जो वित्तीय और कानूनी संसाधनों की कमी के कारण खुद अदालत का दरवाजा खटखटाने में असमर्थ हैं और परिणामस्वरूप, जनहित याचिका के माध्यम से राहत पाने की स्थिति में नहीं हैं।" आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के इस दावे ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू की तैयारी में पशु वसा का इस्तेमाल किए जाने के दावे को लेकर राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे दावे करने का आरोप लगाया है, जबकि राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने अपने दावों के समर्थन में एक प्रयोगशाला रिपोर्ट का हवाला दिया है।

जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को फटकार लगाने का आग्रह किया है। आठ पन्नों के पत्र में प्रतिष्ठित तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में घी स्वीकार करने की प्रक्रिया का विवरण देते हुए जगन ने नायडू पर ऐसे कार्यों का आरोप लगाया है, जिससे न केवल मुख्यमंत्री कार्यालय की गरिमा धूमिल हुई है, बल्कि सभी व्यक्तियों के सार्वजनिक जीवन को भी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, उन्होंने जोर देकर कहा कि नायडू के आचरण ने टीटीडी और उसकी परंपराओं की पवित्रता से समझौता किया है।

जगन मोहन रेड्डी ने अपने पत्र में कहा, "महोदय, पूरा देश इस समय आपकी ओर देख रहा है। यह जरूरी है कि नायडू को झूठ फैलाने के उनके बेशर्म कृत्य के लिए कड़ी फटकार लगाई जाए और सच्चाई सामने लाई जाए। महोदय, इससे नायडू द्वारा लाखों हिंदू भक्तों के मन में पैदा किए गए संदेह को दूर करने में मदद मिलेगी और टीटीडी की पवित्रता में उनका विश्वास बहाल होगा।"

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