झारखंड में बीजेपी पर JMM का बड़ा आरोप, शोषित वर्ग के राज्यकर्मियों को डराया-धमकाया जा रहा, कहा, भाजपा चुन-चुनकर...
रांची। झारखंड में क्या कर्मचारियों-अधिकारियों को डराया धमकाया जा रहा है। झामुमो ने भाजपा के सांसदों पर इसी आरोप के साथ निशाना साधा है। दरअसल जब से झारखंड के देवघर में एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को हटाया गया है, तभी से झामुमो लगातार चुनाव आयोग और भाजपा सांसदों पर आक्रामक है।
हेमंत सोरेन इस मुद्दे पर ट्वीट कर निशाना साधा था, तो वहीं झामुमो ने भी इसे लेकर झारखंड के सांसदों पर निशाना साधा है।
झामुमो ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि भाजपा चुन चुन कर झारखंड में आदिवासी/दलित/पिछड़े अफ़सरों के ख़िलाफ़ शिकायतें कर रही है। लगातार शोषित वर्गों से आने वाले राज्यकर्मियों को डराया/धमकाया जा रहा है इस कार्य में उन्होंने बड़े बड़े सांसदों को भी लगा रखा है।
ये वही सांसद गण हैं जो झारखंड से जीतते तो अवश्य हैं पर झारखंड के हितों पर कभी भी एक शब्द नहीं कहते। शर्मनाक।
आपको बता दें कि पहले रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और उसके बाद देवघर के पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग को हटाने संबंधी चुनाव आयोग के आदेश पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सवाल उठाया है। उन्होंने एक्स पोस्ट पर लिखा है कि पहले दलित आइएएस अफसर को हटाया गया।
उन्हें लगातार परेशान किया गया। अब आदिवासी आइपीएस अफसर को लगातार परेशान किया जा रहा है।
आखिर क्यों दलितों और आदिवासियों से भाजपा को इतनी परेशानी है? मंगलवार को निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को देवघर के पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग को हटाने का निर्देश दिया था।
IPS डुंगडुंग के खिलाफ पहले भी हुआ था एक्शन
आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान भी डुंगडुंग को देवघर एसपी रहते पद से हटा दिया था। उस समय आयोग को शिकायत मिली थी कि तीन मामलों में फरार आरोपी शिवदत्त शर्मा ने जसीडीह थाना पहुंच कर सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इसपर सवाल उठे थे कि फरार आरोपी थाना पहुंच कर प्राथमिकी दर्ज कराता है और पुलिस उसे गिरफ्तार भी नहीं करती।
लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें फिर से देवघर का एसपी बनाया गया था। बताया जाता है कि डुंगडुंग को पूर्व आरोप को देखते हुए ही आयोग ने इस बार भी कार्रवाई की है।
सांसद निशिकांत दुबे ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी कि देवघर के पाथरोल थाना क्षेत्र में गलत ढंग से एक गिरफ्तारी की गई और एक दागी किस्म के व्यक्ति के बयान पर सांसद व उनके परिवार वालों के विरुद्ध जसीडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई।
इतना ही नहीं, वाहन चेकिंग के नाम पर भी देवघर पुलिस ने गलत तरीके से गाड़ियों की चाबी निकाल ली थी। सांसद की शिकायत की समीक्षा के बाद आयोग ने एसपी देवघर को हटाया था।