रघुवर दास के 40 से ज्यादा रिश्तेदारों की क्यों लिस्ट हो रही वायरल, झामुमो ने कहा, ये हमारी नहीं, आम कार्यकर्ताओं की लिस्ट है....

By :  Aditya
Update: 2024-11-01 13:11 GMT

रांची। चुनाव में इस बार भाजपा परिवारवाद के आरोपों से बुरी तरह घिरी हुई है। झामुमो लगातार भाजपा पर परिवारवाद का आरोप लगा रही है। खासकर रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, ढुल्लू महतो जैसे नेताओं को लेकर झामुमो काफी आक्रामक है।

भाजपा की तरफ से प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद से ही परिवारवाद का मुद्दा छाया हुआ है। अब इसी मुद्दे पर एक नया पोस्टर सामने आया है।

हालांकि पोस्टर को लेकर दावा झामुमो ने ये किया है कि ये पोस्ट झारखंड मुक्ति मोर्चा का नहीं है, बल्कि ये लिस्ट आम कार्यकर्ता की है। इस लिस्ट में रघुवस दास के रिश्तेदारों के नाम हैं, जब झाऱखंड की अलग-अलग कंपनियों में काम कर रहे हैं। पोस्टर में दावा है कि अलग-अलग कंपनियों में 40 से ज्यादा रघुवर दास के रिश्तेदार काम कर रहे हैं।

पोस्टर में किये गये दावों के मुताबिक जमशेदपुर में काम कर रही टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा ब्लूएस्कोप, टाटा पिगमेंट्स जैसी कंपनियों में रघुवर दास के रिश्तेदार काम कर रहे हैं।


पोस्टर के साथ झामुमो ने लिखा है कि ये हमारा नहीं भाजपा के आम कार्यकर्ताओं की लिस्ट है। रघुबर दास जी ने हाथी उड़ाने के साथ सिर्फ़ और सिर्फ़ बाहरियों को बहुत तरीक़े से Tata कंपनी में बसाने का कार्य किया है। - आख़िर भाजपा झारखंडियों को अपना क्यों नहीं मानती ? –

झामुमो ने आगे लिखा है कि आख़िर वे हमें सिर्फ़ और सिर्फ़ लूटने का कार्य क्यों करते हैं ? जब हमने निजी कंपनियों में झारखंडियों के लिए 75% आरक्षण लगाया तो विरोध किसने किया ? PIL किसने लगाया ? ये सब किया बाहरियों के दबाव में भाजपा नें।

क्यों हैं रघुवर दास निशाने पर

दरअसल जमशेदपुर पूर्वी जैसी हाईप्रोफाइल सीट से जैसे ही BJP उम्मीदवार के रूप में रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू को टिकट मिला है। पूर्णिमा साहू मूल रूप से छत्तीसगढ़ की रहने वाली है। रघुवर दास के बेटे ललित दास और पूर्णिमा साहू की शादी 8 मार्च 2019 में हुई थी।

छत्तीसगढ़ के रायपुर की रहने वाली पूर्णिमा के पिता भागीरथ साहू बिजनेसमैन और मां कौशल्या साहू शिक्षिका हैं। उन्होंने रायपुर में ही प्रारंभिक शिक्षा हासिल की थी। ग्रेजुएशन भी वहीं से की। रघुवर दास के बेटे ललित दास से शादी से पहले वो पत्रकार रह चुकी हैं। कहा जा रहा है कि रघुवर दास ने BJP आलाकमान के सामने इस बार जमशेदपुर पूर्वी सीट से खुद चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी.

इसके अलावा अपनी बहू पूर्णिमा दास के नाम का भी प्रस्ताव रखा था. पर पार्टी ने उनकी बहू के नाम पर फाइनल मुहर लगा दी और अब उनकी किस्मत का फैसला जमशेदपुर की जनता तय करेगी। हालांकि फिलहाल रघुवर दास परिवारवाद के आरोप में घिरे हुए हैं।





 


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