पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण कला को विकसित करने अर्का जैन यूनिवर्सिटी और ईम्पका के बीच करार…
जमशेदपुर । भारत अपने पारम्परिक अवं आधुनिक कलाकृति, वास्तुकला के लिए समृद्धशाली रहा है, जिसे जीवित रखने के लिए कई स्तर से प्रयास किये जा रहे हैं। इसी दिशा में अर्का जैन यूनिवर्सिटी, जमशेदपुर तथा इम्पका सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई के बीच करार किया गया है।
अर्का जैन विश्वविद्यालय के फैशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की छात्राओ, वाईस चांसलर डॉक्टर यस यस रज़ी, डीन ऑफ़ स्टूडेंट वेलफेयर डॉक्टर अंगद तिवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर अनूप कुमार सिंह तथा इम्पका के बिज़नेस डेवलपमेंट मैनेजर मिस वर्षा अग्रवाल की उपस्थिति मे ईम्पका के सीईओ अंजनी निधि एवं अर्का जैन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जसबीर धंजल ने करार पर हस्ताक्षर किया।
इम्पका पर्यावरण सुधार-संरक्षण अवं ग्रामीण कला के संरक्षण तथा विकास की दिशा में प्रयासरत है। इसके तहत झारखण्ड, ओडिशा, बंगाल तथा मध्य प्रदेश के कई ज़िलों में पर्यावरण तथा कारीगर प्रोत्साहन एवं जीविका उत्सर्जन की योजना पर काम कर रहा है।
अंजनी निधि ने कहा कि उद्योगिककरण से, ज़मीं के कटाव से तथा जल प्रदुषण की वजह से पर्यावरण को जो नुक्सान पहुँचता रहा है, उस पर कोई विवाद नहीं है , तो फिर बड़े पैमाने पर वनीकरण की आवश्यकता है। ईम्पका ने एक अनोखी योजना शुरू की है, जिसमे वह जनजातियों, आदिवासियों, ग्रामीण तथा स्थानीय कारीगरों को उनकी कला विकसित करने और उसे शहरों में प्रचलित करने की शुरुआत की है। आदिवासी डाॅट वोआरजी उनके द्वारा प्रदत एक ऑनलाइन पोर्टल है , जिसके माध्यम से आप पेड़ लगाकर उसके एवज़ में ग्रामीण कलाकारों तथा अर्का जैन के फैशन टेक्नॉलजी विभाग की छात्राओं द्वारा निर्मित कलाकृति को प्राप्त कर सकते हैं।