सेना का कैप्टन शहीद: सियाचिन के कैंप में लगी आग, दूसरों की जान बचाते कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद, 5 महीने पहले ही हुई थी शादी
नयी दिल्ली। सियाचीन में सेना के कैप्टन डॉ अंशुमान शहीद हो गये। टेंट में लगी आग में अंशुमान वीरगति को प्राप्त हुए। अंशुमान उत्तर प्रदेश के आलमनगर के सलीम खेड़ा के रहने वाले थे। 5 महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी। अभी कुछ दिन पहले ही अंशुमान छुट्टी पर आये थे, लेकिन इस बार उनका ताबूत घर आ रहा है। सियाचिन ग्लेशियर में सलीमखेड़ा निवासी कैप्टपन डॉ. अंशुमान (26) शहीद हो गए। डॉ. अंशुमान के पिता बताते हैं कि बेटा शहीद हो गया, लेकिन उसने अपने साथियों की जान बचा ली। हमें उस पर नाज है।
लार थाना क्षेत्र के बरडीहा दलपत के रहने वाले 26 वर्षीय कैप्टन अंशुमान सिंह पुत्र रवि प्रताप सिंह मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे। इन दिनों उनकी तैनाती सियाचिन ग्लेशियर में थी। बताया जा रहा है कि बुधवार की तड़के गोला बारुद बंकर में शार्ट सर्किट से आग लगने से कई टेंट जल गए। उसमें बुरी तरह से झुलसे अंशुमान सिंह बलिदान हो गए।
मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की भी घोषणा की है। उन्होंने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद अंशुमान सिंह के नाम पर करने की भी घोषणा की है । डॉ. अंशुमान का विवाह पंजाब की रहने वाली स्मृति से इसी साल दस फरवरी को हुई थी। शादी के बाद से ही स्मृति सास-ससुर के साथ सलीम खेड़ा स्थित घर में रह रही हैं। सियाचिन से मैदानी इलाके में तबादला होने के बाद उन्होंने स्मृति को भी साथ ले जाने की प्लॉनिंग की थी, लेकिन सारी खुशियां पल भर में बिखर गईं।
डॉ. अंशुमान ने कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई शिमला के सैनिक स्कूल से की थी। 2020 में पुणे से एमबीबीएस किया था। उनकी पहली तैनाती आगरा के मिलिट्री हॉस्पिटल में हुई थी। वह वहां करीब एक साल तक तैनात रहे। उसके बाद पुंछ की 12वीं बटालियन में बतौर मेडिकल अफसर तैनाती हुई थी। एक माह पहले ही उनकी सियाचिन में पोस्टिंग हुई थी। 15 दिन पहले ही कैंप में गए थे। आसपास के लोग बताते हैं कि अंशुमान शुरू से पढ़ाई में तेज था।