असर-2022 रिपोर्ट : झारखंड में स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में कुछ में हुआ सुधार, कुछ स्तर पर आयी गिरावट

रांची। झारखंड में शिक्षा व्यवस्था को लेकर असर की रिपोर्ट कुछ अच्छे तो कुछ बुरे आंकड़े दे रही है। झारखंड में गैर नामांकित बच्चों की संख्या लगातार घट रही है, वहीं स्कूल के प्रति बच्चों का रूझान बढ़ रहा है। प्रथम संस्था द्वारा बुधवार को जारी असर-2022 (ग्रामीण) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। झारखंड के बच्चों का गणित सुधरा है लेकिन पाठ पढ़ने की क्षमता में कमी आई है। असर के आंकड़ों के मुताबिक 2018 में 18.7 प्रतिशत बच्चे ही अपनी कक्षा के स्तर का पाठ पढ़ते थे। यह आंकड़ा घटकर वर्ष 2022 में 13.2 प्रतिशत हो गया। कक्षा पांच के बच्चों के अपने ग्रेड के अनुसार पाठ पढ़ने का आंकड़ा झारखंड में स्थिर रहा है।

झारखंड में 2022 में सरकारी या निजी स्कूलों में कक्षा आठ में नामांकित 65.1 प्रतिशत बच्चे यह पाठ पढ़ सकते हैं, जों ऐसे बच्चों की संख्या 2018 में 66.1 प्रतिशत थी। अच्छी बात यह है कि कक्षा पांच के बच्चों में भाग के प्रश्न हल करने के मामले में सुधार हुआ है। झारखंड में 2018 में इस कक्षा के 19 प्रतिशत बच्चे भाग हल कर पाते थे जो बढ़कर 24.5 प्रतिशत हो गए हैं।

झारखंड में कक्षा तीन के उन बच्चों में से जो अंग्रेजी का वाक्य पढ़ सकते हैं, 46.3 प्रतिशत वाक्यों के अर्थ बताने में सक्षम हैं जबकि, कक्षा आठ के लिए यह आंकड़ा 56.5 प्रतिशत है। बता दें कि असर-2022 (ग्रामीण) की रिपोर्ट देश भर के 616 जिलों के 19,060 गांवों में सर्वे कर तैयार की गई। इनमें झारखंड के 24 जिलों के 720 गांव भी शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में छह से 14 आयु वर्ग के बच्चों के नामांकन में वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा वर्ष 2018 में 97.2 प्रतिशत था, जो बढ़कर 97.4 हो गया। इस तरह नामांकन में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सरकारी विद्यालयों की बात करें तो इस आयु वर्ग के नामांकित बच्चों की संख्या वर्ष 2018 में 78 प्रतिशत था, जो बढ़कर 83.3 प्रतिशत हो गई है।

HPBL Desk
HPBL Desk  

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति की हो, खेलकूद की हो, अपराध की हो, मनोरंजन की या फिर रोजगार की, उसे LIVE खबर की तर्ज पर हम आप तक पहुंचाते हैं।

Related Articles
Next Story