नमाज़ पढ़कर मंदिरों पर हमला: क्या मस्जिद में सिखाया जाता है हिंसा?
नमाज़ पढ़कर मंदिरों पर हमला: क्या मस्जिद में सिखाया जाता है हिंसा?
ढाका: बांग्लादेश के चटगांव में हाल ही में एक हिंसक घटना घटी, जिसमें जुमे की नमाज के बाद कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिरों पर हमला किया और तोड़फोड़ की। इस घटना के बाद सवाल उठता है कि क्या ये तोड़फोड़ करने की शिक्षा मस्जिद में दी गई थी ?
वो भी जुम्मे की नमाज़ के वक्त? हर धर्म के लोग अपने धर्मस्थल में प्रार्थना करने के बाद करुणा और प्रेम का भाव लिए लौटते हैं, लेकिन कई बार देखा गया है कि मुस्लिम समुदाय जुम्मे की नमाज़ में इक्कट्ठा होने के बाद हिंसा करता है, फिर कारण चाहे जो भी हो, या कारण बना लिया जाए।
ऐसे में सवाल उठता है और उठना चाहिए कि नमाज़ के दौरान उन्हें कौन भड़का देता है? क्या मौलवी-मौलाना के भाषण उन्हें हिंसा करने के लिए प्रेरित करते हैं, या फिर वे दूसरों के धर्मस्थलों को तोडना ही पुण्य का काम मानते हैं, इसलिए हमेशा मंदिर, चर्च, गुरूद्वारे पर हमले के लिए तैयार रहते हैं ?
Urgent 🚨 Alert
In Bangladesh's Chittagong, Radicals have attacked the Shantaneswari Temple after Friday Jumma prayers.
Reports claiming Hindu shops and houses being attacked. Many Injured!! pic.twitter.com/zOS0iWMcHD
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 29, 2024
पाकिस्तान में कई गुरूद्वारे तोड़े गए हैं, तुर्की में चर्चों को मस्जिद बना दिया गया है,, और ये आज की बात नहीं, खुद पैगंबर मोहम्मद के समय काबा में 365 मूर्तियां हुआ करती थी, जिनकी वहां के लोग पूजा करते थे, उसे पैगंबर ने खुद तुड़वाया था, तो क्या आज मुस्लिम समुदाय जो कर रहा है, उसे उसी से प्रेरित माना जाए? कि वे किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति को अपने धर्म का पालन नहीं करने देना चाहते ?लेडी सब इंस्पेक्टर की ठगबाजी, सिपाही बनाने के नाम पर ठग लिये 15 लाख रुपये, एसपी के पास पहुंची शिकायत