भ्रष्टाचार को लेकर बाबूलाल मरांडी ने उठाये सवाल, कहा, शिक्षा स्वास्थ्य जैसे विभाग भ्रष्टाचार के गढ़, पूछा, क्यों नहीं होती सख्त कार्रवाई?
Babulal Marandi raised questions regarding corruption, said departments like education and health are dens of corruption, asked why strict action is not taken?
Jharkhand News: इस साल झारखंड मं 39 अफसरों को घूस लेते गिरफ्तार किया गया है। वहीं केंद्रीय एजेंसी ईडी ने इस साल 39 करोड़ से ज्यादा कैश जब्त किये हैं। झारखंड में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया है। पूर्व सीएम ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते कहा है कि झारखंड में शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग, जिनसे राज्य की नींव मजबूत होनी चाहिए, अब भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़े होकर भ्रष्टाचार का गढ़ बन गए हैं।
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि सिर्फ 2024 में अब तक 39 अधिकारियों को एसीबी ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है, वहीं ईडी ने 2024 में 39.28 करोड़ रुपये नकद जब्त किए, जो 2022 के आंकड़े से लगभग दोगुना है। यह स्थिति सरकार और प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है, बार-बार रिश्वत में पकड़े जाने वाले कर्मचारियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं करना दर्शाता है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की सरकार की मंशा ही नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कितना शर्मनाक है कि जिन विभागों का कार्य आम जनता को राहत देना है, वे जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने में लगे हैं। सरकार की लचर नीतियां और कमजोर व्यवस्था ने भ्रष्टाचारियों को खुली छूट दे रखी है,ऐसे में झारखंड का विकास एक सपना बनकर रह गया है। दरअसल झारखंड की बात करें तो सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी की शिकायत पुलिस विभाग में आती थी, अब शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण विकास विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में सबसे ज्यादा है।
कमाल की बात ये है कि रिश्वतखोरी में जेल जाने के बाद निकलने के बाद वही अधिकारी फिर से रिश्वतखोरी में लिप्त हो जाते हैं, कई अधिकारी तो एक बार नहीं दो-दो बार घूस लेते पकड़ाये और जेल जा चुके हैं। भ्रष्टाचार झारखंड में हाल के सालों में बड़ी समस्या बन गयी है। आपको बता दें कि चुनाव के दौरान भी भ्रष्टाचार को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया था।