भोपाल गैंगरेप कांड: छात्राओं से दुष्कर्म कर बनाते थे वीडियो, गैंग ने ब्लैकमेलिंग के लिए किया इस्तेमाल

भोपाल गैंगरेप कांड: भोपाल। टीआइटी कॉलेज की छात्राओं से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के आरोपियों की करतूतें लगातार सामने आ रही हैं। उन्होंने युवतियों से हैवानियत करने के साथ बदनाम करने के हथकंडे अपनाए थे। आरोपियों के मोबाइलों की जांच में पुलिस को छह युवतियों से दुष्कर्म के 20 से ज्यादा वीडियो मिले हैं।आरोपियों ने कबूल किया कि वे युवतियों से संबंध बनाते हुए कैमरा छुपाकर वीडियो बनाते थे। उन वीडियो को आपस में एक-दूसरे से शेयर करते थे।

भोपाल गैंगरेप कांड: पुलिस सभी के कनेक्शन की कर रही जांच

  • पुलिस को फरहान के मोबाइल से सबसे ज्यादा वीडियो मिले हैं। अली, साद, साहिल और नाबिल व अबरार भी इस तरह के वीडियो शेयर करते थे।
  • पुलिस सूत्रों का कहना है कि सभी आरोपियों ने युवतियों के गंदे वीडियोज दूसरे शहर में बैठे एक और दोस्त वसीम को भी भेजे हैं। जिन लोगों को वीडियो भेजे गए हैं पुलिस उनसे भी आरोपियों के कनेक्शन की जांच कर रही है।आरोपियों के मोबाइलों को फोरेंसिक जांच के लिए लैब भेज दिया है।

भोपाल गैंगरेप कांड: युवतियों को दोस्त के फार्म हाउस ले जाते थे आरोपी

आरोपी फरहान, अबरार और नाबिल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान लड़कियों से दोस्ती कर उन्हें अपने गुट में जोड़ते थे। जिसके बाद वे युवतियों को अलग-अलग जगह घुमाने भी ले जाते थे। फरहान शुरूआत में युवतियों को टीआइटी कॉलेज के आगे बने एक दोस्त के फार्महाउस पर ले जाता था।

भोपाल गैंगरेप कांड:काउंसलिंग के बाद भी शिकायत नहीं कर पाई लड़कियां

पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से छह पीड़ितों के अश्लील वीडियो मिले हैं। सिर्फ तीन पीड़िताओं ने शिकायत की है, जिस पर मामला दर्ज किए गए हैं। पुलिस की टीम ने अन्य पीड़िताओं से संपर्क कर उनकी काउंसलिंग की है, लेकिन वे शिकायत दर्ज नहीं करवा रही हैं।

भोपाल गैंगरेप कांड: कॉलेज छात्राओं के साथ दुष्कर्म-ब्लैकमेलिंग में चार गिरफ्तार

कॉलेज छात्राओं से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग प्रकरण में पुलिस ने सात आरोपी बनाए थे, जिनमें मुख्य आरोपी फरहान, अली, साद और साहिल को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि नबील और अबरार अब भी फरार हैं। पुलिस की दो टीमें उनकी जांच में जुटी हैं। वहीं मामले में एक आरोपी हामिद की मौत हो गई है।

भोपाल गैंगरेप कांड: एक-दूसरे को भेजते थे वीडियोज

पुलिस जांच में स्पष्ट हुआ है कि सभी आरोपी एक दूसरे को वीडियोज भेजते थे, इसकी पुष्टि हो चुकी है। साथ ही अन्य लोगों को भेजने पर भी जांच की जा रही है।

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