झारखंड : मंत्री सुदिव्य का बड़ा फैसला, रांची के साथ सभी शहरों का होगा सर्वांगीण विकास, रोडमैप तैयार

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार का पूर्ण रुप से गठन हो चुका है. हेमंत सोरेन सरकार के गठन के बाद सभी विभागीय मंत्री अपने अपने क्षेत्र के कामों में जुट गए हैं. गिरिडीह विधानसभा सीट से पहली बार मंत्री बने सुदिव्य कुमार सोनू पदभाग ग्रहण करने के बाद से ही एक्शन मोड पर काम में लग गए हैं. बता दें मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू को नगर विकास मंत्री का जिम्मा सौंपा गया है. मंत्री झारखंड के शहरों में विकास कैसे करें उसका ब्लू प्रिंट तैयार कर रहे हैं.

नेपाल हाउस में हुई बैठक

बीते कल मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने नेपाल हाउस स्थित कार्यालय कक्ष में विभाग की योजना की समीक्षा करने के दौरान राजधानी रांची की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की. मंत्री सुदिव्य कुमार ने झारखंड की राजधानी रांची को संवारने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि रांची को प्रदूषण मुक्त करने के लिए शहर में हर हाल में ई-बस का प्रावधान किया जाए.मंत्री सुदिव्य का मानना है कि जब आम लोगों को हर पांच मिनट बाद बसें मिलने लगेंगी तो लोग अपने आप अपने वाहन का इस्तेमाल कम करना शुरू कर देंगे। इससे प्रदूषण नहीं फैलेगा और सड़क पर जाम की स्थिति भी नहीं होगी। पहले राजधानी को संवारे फिर राज्य के अन्य शहरों के विकास पर ध्यान दिया जाए। वहीं विधानसभा के पास फोरलेन बनाए जाने का प्रस्ताव है.

ई-बस सेवा होगी शुरू

मंत्री ने पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि रांची में ई-बस सेवा शुरू करने की दिशा में काम करें, ताकि प्रदूषण और रोड जाम से छुटकारा मिल सके. साथ ही, हर नगर निकाय में जन शिकायत कोषांग बनाकर टोल फ्री नंबर जारी करें। शिकायतकर्ता को टोकन उपलब्ध कराएं और राइट टू सर्विस के तहत शिकायतों के निबटारे के लिए समय सीमा तय करें। मंत्री ने रांची में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था सुधारने का भी निर्देश दिया। कहा- कितनी स्ट्रीट लाइट जल रही है, कितनी खराब है, इसका आंकड़ा तैयार करें। स्ट्रीट लाइट से संबंधित एक डैस बोर्ड भी बनाएं। इससे स्ट्रीट लाइट के जलने और नहीं जलने की सूचना मिलती रहेगी। संभव हो तो स्ट्रीट लाइट को जीपीएस सिस्टम से टैग करें। इसके लिए रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप कुमार को विशेष जिम्मेदारी दी गई। मंत्री ने सभी 49 नगर निकायों में सीवरेज सिस्टम बनाने के लिए अलग अलग निकायों का नक्शा तैयार कर डीपीआर बनाने का निर्देश दिया.

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मंत्री सुदिव्य ने कहा कि जल्द ही सभी मंत्री स्मार्ट सिटी में बने बंगलों में प्रवेश करेंगे। इसलिए, बंगलों की सुरक्षा के सभी जरूरी उपाय जल्द किए जाएं। प्रधान सचिव सुनील कुमार ने मंत्री को बताया कि रांची से सटे आसपास के क्षेत्रों में भवन निर्माण नियमावली बनाने का निर्देश रियाडा को दिया गया है, ताकि बेतरतीब ढंग से हो रहे विकास पर रोक लग सके। नया सराय रेलवे क्रासिंग रोड के समानांतर फोरलेन बनाए जाने का प्रस्ताव है.

11 सालों से अटका पड़ा है ई-बस सेवा का प्रस्ताव

बता दें राजधानी रांची में एसी बस चलाने का प्रस्ताव पहली बार नहीं आया है बल्कि साल 2013 में ही रांची में लो फ्लोर एसी बसें चलाने की योजना बनी थी। 100 बसें चलाने का फंड भी दिया था। अचानक टेंडर ही रद्द कर दिया गया। उसके बाद वहां से फाइल आगे नहीं बढ़ी। रांची में 244 नई सिटी बसें खरीदने की दो साल पहले ही कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी थी। इसमें था कि 244 बसों में 200 नन एसी डीजल बसें और 24 एसी इलेक्ट्रिक बसें होंगी.

अब हेमंत सोरेन के नए कार्यकाल और नए मंत्रियों के साथ राजधानी सहित राज्य के अन्य शहरों का कितना विकास सचमुच हो पाता है और कितना विकास कागजों पर ही रह जाता है ये तो आने वाले समय में ही साफ हो जाएगा.

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