बड़ी खबर : हार्ट पेशेंट का राज्य सरकार करायेगी मुफ्त इलाज.... रिम्स में 4 से 6 नवंबर तक होगी जांच, राजकोट और अहमदाबाद में होगा इलाज....आने-जाने के लिए 10 हजार रूपया भी मिलेगा..

रांची। हृदय रोग से पीड़ित गरीब परिवारों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। रांची के रिम्स में हार्ट पेसेंट के लिए तीन दिवसीय स्वास्थ्य शिविर लगाया जायेगा। इस संदर्भ में ACS सह स्वास्थ्य सचिव अरूण कुमार सिंह ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। दरअसल 20 अगस्त को राज्य सरकार ने झारखंड हृदय चिकित्सा योजना शुरू की है। झारखंड हृदय चिकित्सा योजना के तहत गरीब परिवार के लोगों का राज्य सरकार मुफ्त में हृदय से संबंधित बीमारी का इलाज करायेगी।

हार्ट पेशेंट के लिए एमओयू

इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग ने प्रशांत मेडिकल सर्विस एंड रिसर्च (PMSRF) के साथ MOU किया है। इस एमओयू के तहत PMSRF राजकोट और अहमदाबाद में संचालित सत्य साई हृदय अस्पताल में मुफ्त में इलाज करायेगी। इलाज पूर्व रोगियों का स्क्रीनिंग किया जायेगा, जिसके तहत रिम्स में 4, 5 और 6 नवंबर को स्क्रीनिंग हेल्थ कैंप लगाया जायेगा। जांच के बाद अगर बाहर इलाज के लिए रेफर करने की जरूरत पड़ी तो PMSRF की तरफ से चिन्हित राजकोट और अहमदाबाद रेफर किया जायेगा।

आदेश की प्रति

राज्य सरकार 10 हजार रूपये देगी

राज्य सरकार ने इस योजना के तहत आने-जाने के लिए रोगियों और उनके परिजनों क सहायता राशि उपलब्ध करायेगी। आने-जाने और ठहरने के लिए राज्य सरकार एकमुश्त 10 हजार रूपये का भुगतान करेगी। रिम्स में जब मरीज का स्क्रीनिंग होगा, तो उसी दौरान उसे राजकोट और अहमदाबाद में इलाज के लिए डेट मिल जायेगा।

इलाज पूरी तरह से फ्री होगा

PMSRF की तरफ से ना तो राज्य सरकार और रोगी से किसी तरह का कोई चार्ज लियाजायेगा। ना तो जांच के लिए और ना ही इलाज, सर्जरी, दवा, आईसीयू के लिए किसी तरह की कोई फीस देनी होगी। जानकारी के मुताबिक पीएमएसआरएउ की तरफ से 500 बच्चों जिनकी उम्र 3 माह से 18 साल होगी की मुफ्त सर्जरी साईं हृदय अस्पताल अहमदाबाद में और 500 व्यस्क का इलाज जिसकी उम्र 18 से 65 साल है, कि सर्जरी राजकोट में की जायेगी।

जिलावार मरीज की स्थिती

प्रत्येक जिले से कैंप में हो सकते हैं मरीज शामिल

एसीएस हेल्थ ने सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि वो 4 से 6 नवंबर तक आयोजित होने वाले हार्ट पेशेंट के स्क्रीनिंग कैंप में सभी जिलों से मरीज लायें। बच्चे और व्यस्क दोनों तरह के मरीज का इलाज पूर्व जांच किया जायेगा। सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि जिले से किसी जिम्मेदार चिकित्सा अधिकारी के साथ मरीज को रिम्स लायें और जांच के उपरांत वापस जिला मुख्यालय पहुंचाये। बस भाड़ा और नास्ते के लिए राज्य सरकार प्रत्येक मरीज 100 रूपये देगी।

HPBL Desk
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