बड़ी खबर : शिक्षक भर्ती की नियावली में नहीं होगा किसी तरह का बदलाव, चीफ सिकरेट्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य सरकार का रूख किया साफ
पटना। बिहार में चल रही शिक्षक भर्ती नियमावली के विरोध के बीच राज्य सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। चीफ सिकरेट्री अमीर सुबहानी और शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक प्रेस कांफ्रेंस में साफ कर दिया है कि नियमावली में किसी तरह का संशोधन नहीं होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि केवल जाति, लिंग, जन्म स्थान, निवास के आधार पर कोई अपात्र नहीं होगा। चयन मेरिट के आधार पर होता है। चीफ सिकरेट्री ने उदाहरण दिया कि नियुक्ति में ये शर्तें पूर्व में भी 1994, 1999 और 2000 की परीक्षा में लागू थी।
साल 2012 में 1 लाख 68 हजार की नियुक्ति हुई है। इसमें 3 हजार से अधिक अभ्यर्थी बिहार के बाहर से आए हैं।दरअसल शिक्षक नियुक्ति नियमावली में डोमिसाइल पॉलिसी हटाने को लेकर अभ्यर्थियों में गुस्सा है। पिछले दिनों पटना में विरोध प्रदर्शन भी हुआ थी, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था। अमीर सुबहानी ने कहा कि जन्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता है। यह गलत है। उन्होंने संविधान के आर्टिकल 16 का हवाला देते हुए कहा कि केवल जाति, लिंग, जन्म स्थान, निवास के आधार पर कोई अपात्र नहीं होगा।
चयन मेरिट के आधार पर होता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट में 12 याचिकाएं दी हुई है। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि BPSC के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इसके लिए बिहार सरकार ने शर्त में बदलाव किया है। मुख्य सचिव ने कहा कि दूसरे राज्यों की नौकरियों में बिहार के युवाओं को एंट्री नहीं दी जाए तो बिहारी युवाओं के लिए हानिकारक होगा। शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बिहार के साथ साथ दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी शामिल होंगे तो अच्छ रहेगा। बिहार लोक सेवक आयोग से अच्छे शिक्षक चयनित किए जाएंगे।