Bihar Hooch Tragedy: इन तीन जिलों में जहरीली शराब से अब तक 53 की मौत; 10 गिरफ्तार, सीएम बोले- कार्रवाई करें
बिहार। सारण, सीवान और गोपालगंज में जहरीली शराब का कहर जारी है। अब तक तीनों जिले मिलाकर 53 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सीवान में 39, सारण में 12 और गोपालगंज में दो लोगों की मौत हो चुकी है। 20 से अधिक लोग बीमार हैं। गुरुवार को 30 लोग अस्पताल में ठीक हो गए थे। उन्हें घर भेज दिया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने तस्करों पर कड़ी कार्रवाई का भी निर्देश दिया है। इसके बाद बिहार पुलिस के वरीय अधिकारी सीवान और सारण में कैंप कर रहे हैं।
16 गांवों में जहरीली शराब का कहर जारी
इधर, सीवान में एसआईटी ने अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह सभी लोग शराब तस्करी के आरोपी हैं। वहीं सीवान जिला प्रशासन की मानें तो अब तक जितने शवों को पोस्टमार्टम किया गया, उनका बिसरा प्रिजर्व कर लिया गया है। इसे साइंस लेबोरेट्री में जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट के अनुसार सीवान और सारण के 16 गांवों में जहरीली शराब का कहर जारी है। गुरुवार को इन दोनों जिलों में 24 और लोगों की मौत हुई। वहीं गोपालगंज में पिता-पुत्र समेत दो लोगों की मौत हुई है।
शराबबंदी के सवाल पर भड़के मंत्री
वहीं बिहार सरकार के मद्य निषेध व उत्पाद मंत्री रत्नेश सदा शराबबंदी के सवाल पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि बुड़बक जैसा बात मत कीजिए। शराब माफिया पर सीसीए लगेगा। सीएम नीतीश कुमार से इस बारे में बात करुंगा। दरअसल, पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा कि बिहार में सरेआम शराब बिक रही है? लोग मर रहे हैं। इस पर उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि हत्यारे के लिए मौत की सजा का प्रावधान है। सजा मिलती भी है लेकिन फिर भी हत्याएं तो होती हैं न। सारण-सीवान शराबकांड में थानेदार से लेकर चौकीदार तक पर कार्रवाई की गई है। शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है।
तेजस्वी बोले- हर चौक-चौराहों पर शराब मिल रही
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सत्ता संरक्षण में ज़हरीली शराब के कारण करीब 50 लोगों की हत्या कर दी गयी है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गयी। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है। जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते है लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है।