NIA ने बोला धावा, नामी नक्सली बिहारी पासवान गिरफ्तार, कई मोबाईल सिम व संदिग्ध दस्तावेज बरामद

पटना: गुरूवार 29 अगस्त, 2024 को बिहार में एनआईए ने कई जगहों पर छापेमारी की और माओवादी बिहारी पासवान उर्फ राकेश उर्फ ऋषिकेश को गिरफ़्तार किया। बता दें कि CPI (माओवादी) के जोनल कमेटी सदस्य बिहारी पासवान एक वांछित आरोपी है।

उसके ख़िलाफ़ खगड़िया, बेगूसराय, और राज्य के दूसरे ज़िलों में IPC, UAP ACT और CLA अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कई मामले दर्ज हैं। इस छापेमारी में एनआईए की टीमों ने नौ जगहों पर दबिश बनाई जिनमें बेगूसराय में सात और गया में दो जगहें शामिल थीं। छापेमारी के दौरान कई मोबाइल फ़ोन, सिम कार्ड, और आपत्तिजनक दस्तावेज़ भी जब्त किए गए।

बता दें एनआईए ने गिरफ्तार शीर्ष नेताओं/कमांडरों के सहयोगियों ओडब्ल्यूजी संदिग्धों और CPI (माओवादी) के समर्थकों/सहानुभूति रखने वालों के घरों में भी तलाशी ली। बता दें पिछले साल अगस्त माह के बाद NIA ने 31 अगस्त 2023 को माओवादियों से जुड़े तीन सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

प्रतिबंधित संगठन के सदस्य जिनकी पहचान पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा उर्फ ​​सोहन दा, सब-जोनल कमेटी सदस्य अनिल यादव उर्फ ​​अंकुश और सीपीआई (माओवादी) के समर्थक विनोद मिश्रा के रूप में हुई है। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वे पटना के बेउर जेल में बंद हैं। वे सीपीआई (माओवादी) को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने की साजिश में सक्रिय रूप से शामिल पाए गए।

इसके अलावा उक्त उद्देश्य के लिए कैडरों की भर्ती करने और लेवी वसूलने की प्रक्रिया में भी सक्रिय थे। एनआईए ने इस साल फरवरी में पटना की विशेष अदालत में प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

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