मुख्यमंत्री को आखिर अपने सबसे धाकड़ अफसर की क्यों करनी पड़ी विदाई, केके पाठक को हटाने की कई दिनों से चल रही थी तैयारी

KK Pathak News : शिक्षकों पर डंडा, डीएम को फटकार, राजभवन से टकराव...सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जिस दिन केके पाठक जिस तरह से कई मौकों पर सरकार की मंशा से अलग हटकर काम करने लगे थे, उसी वक्त से उनकी विदाई की उलटी गिनती शुरू हो गयी थी। वैसे तो केके पाठक कई दिनों से सरकार की आंखों की किरकिरी बने हुए थे, लेकिन हाल के दिनों राजभवन से टकराव और सरकार की मंशा से अलग नियम निर्देश उन्होंने विभाग के लिए लागू किये थे, उससे सरकार नाराज हो गयी थी।

दरअसल, भीषण गर्मी के दौरान स्कूल के बच्चे बेहोश होकर गिरने लगे थे, लेकिन स्कूल बंद करने का फरमान नहीं दिया गया था. शिक्षा विभाग ने स्कूल की टाइमिंग में बदलाव को लेकर अधिसूचना जारी किया था. इसके कुछ देर बाद मुख्यमंत्री मुख्य सचिव ने छुट्टी का आदेश जारी कर दिया। कहा जाता है इससे केके पाठक नाराज चल रहे थे और छुट्टी पर चले गए थे। हालांकि अभी भी केके पाठक छुट्टी पर ही है।

केके पाठक हमेशा सुर्खियों में रहे हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बनने के बाद काफी चर्चा में आ गए थे. शिक्षा विभाग में आने के बाद से लगातार फरमान निकाल रहे थे. केके पाठक के कई फैसला को लेकर काफी विवाद भी हुआ. पिछले साल त्योहारों में शिक्षकों की छुट्टी को लेकर खूब राजनीति हुई थी. दरअसल उन्होंने त्योहारों में मिलने वाली शिक्षकों की कई छुट्टियों को कैंसिल कर दिया था. इससे वो विपक्ष के निशाने पर आ गए थे।

केके पाठक एक सख्त मिजाज के अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं. वो सिर्फ विवादों में नहीं रहे बल्कि शिक्षा विभाग में बदलाव को लेकर भी जाने जाते हैं. उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसला लिए. जिससे बिहार के सरकारी स्कूलों में छात्र और छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई. स्कूलों में समय पर शिक्षक और छात्र-छात्रा पहुंचने लगे थे. इसके साथ ही उन्होंने लाखों शिक्षकों की बहाली करवाई. जिसको लेकर मुख्यमंत्री भी खुल मंच से प्रशंसा की थी।

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