झारखंड में निकलेगी बंपर वैकेंसी: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बोले, अभी और भी नियुक्ति निकालेंगे, प्रतियोगिता परीक्षा विधेयक को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना
बोकारो। झारखंड में जल्द ही और भी नयी नियुक्तियां निकलेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बात के संकेत दिये हैं। बोकारो में जनसभा को संबोधित करते हुए हेमंत ने कहा कि आपकी सरकार ने हजारों की संख्या में नियुक्ति निकाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में और भी नियुक्ति निकालेंगे। बोकारो में विभिन्न कार्य योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और परिसंपत्तियों के वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं भी की।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने पेपर लीक को लेकर विधानसभा में पास हुए नये कानून का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले क्वेश्चन पेपर लीक कर दिया जाता था। जिससे परीक्षा लिखने वाले युवाओं का भविष्य अधर में चला जाता था। अब आपकी सरकार कानून लेकर आयी है कि जो क्वेश्चन पेपर लीक करेगा वह जेल की सलाखों के पीछे जाएगा। आपको बता दें कि पेपर लीक करने वालों के खिलाफ लाये गये कानून पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर हमला बोला था। विपक्षी नेताओं ने तो इस कानून को तानाशाही कानून भी करार दिया था।
मुख्यमंत्री ने हेमंत सोरेन ने इसे लेकर विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून का विरोध बीजेपी और आजसू के लोग कर रहे हैं। युवा विरोधी यह लोग नहीं चाहते हैं कि यहां के आदिवासी-मूलवासी के बच्चों को नौकरी मिले। उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। ये लोग राजभवन जाकर इस कानून को पास नहीं करने की बात कहते हैं। यही इन लोगों ने 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति और ओबीसी आरक्षण के मामले में किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने भी निर्णय हम लोगों ने झारखण्ड के हित में लिए हैं उसे इन लोगों ने उलझाने का काम किया। लेकिन चिंता ना करें। इनके षड्यंत्र पर हमारी नजर है। इस बार तो कई चुनौतियों के साथ हम लोग आम लोगों को अधिकार देने में लगे हैं। बहुत जल्द वह भी समय आएगा जब ऐसे विरोध करने वाले लोगों को झारखण्ड से बेदखल करने का काम करना होगा। सीएम ने प्रतियोगिता परीक्षा विधेयक के बारे में कहा कि प्रतियोगिता परीक्षा में पेपर लीक करने के मामले को लेकर कुछ लोग लगातार राज्य के साथ मजाक कर रहे थे।
एक व्यक्ति पेपर को लीक कर देता था और लाखों बच्चे इसका नुकसान उठाते थे। इसलिए हमने कानून बनाने का काम किया और अब अगर कोई पेपर लीक करेगा तो उसे 10 साल की सजा मिलेगी, लेकिन इस पर भी बीजेपी के लोग राजनीति कर रहे हैं। बीजेपी के लोग राज्यपाल के पास चले गए और राज्यपाल से कह दिया कि इस कानून को पास मत करिएगा। बीजेपी के लोगों ने यही काम 1932 आधारित खतियान को लेकर भी किया, सरना कोड को लेकर भी इन लोगों ने यही काम किया है, हालांकि हमारी कई नजर इन लोगों पर है और बहुत जल्द ऐसा समय आएगा, जब इस तरह से विरोध करने वाले लोगों को झारखंड से बेदखल करने का काम किया जाएगा।