स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 200 साल पुराना, कोलकाता से हुई थी शुरुआत, जानिये इसका दिलचस्प इतिहास

State Bank Of India History: भारतीय स्टेट बैंक का इतिहास 200 सालों से भी पुराना है। भारतीय स्टेट बैंक (History Of SBI) में पूर्ण विश्ववास के साथ अपनी मेहनत की जमा पूंजी जमा करते है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारतीय स्टेट बैंक (History Of SBI) का कितना पुराना है, और इसका पुराना नाम क्या था। आपको जानकर हैरानी होगी की भारतीय स्टेट बैंक 213 साल पुराना है। भारतीय स्टेट बैंक (History Of SBI) की स्थापना 2 जून 1806 में बैंक ऑफ कोलकाता के नाम से हुई थी।

बाद में इसे बैंक ऑफ बंगाल नाम दिया गया। इसके बाद साल 1921 में बैंक ऑफ मुंबई और बैंक ऑफ मद्रास का बैंक ऑफ बंगाल में विलय हो गया, जिसे इंपीरियल बैंक के नाम से जाना जाने लगा। इसके बाद इसका नाम बदलकर भारतीय स्टेट बैंक (History Of SBI) रख दिया गया था।

कई बार नाम बदले

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार 2 जून 1806 को बैंक ऑफ कलकत्ता के रूप में इसकी स्थापना हुई थी, जिसके तीन साल के बाद बैंक को अपना चार्टर प्राप्त हुआ और 2 जनवरी 1809 को बैंक ऑफ बंगाल के रूप में इसे फिर से स्था पित किया गया. एसबीआई (SBI) को अद्वितीय संस्था और ब्रिटेन शासित भारत का पहला संयुक्त पूंजी वाला बैंक होने का गौरव प्राप्त है.

इसके बाद 1 अप्रैल 1840 को बैंक ऑफ बॉम्बे और 1 जुलाई 1843 को बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना की गई थी. ये तीनों बैंक लगभग 40 वर्ष तक भारत में आधुनिक बैंकिंग के शिखर पर रहे, बाद में 27 जनवरी 1921 को उनका इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया के रूप में समामेलन हो गया था.

तीन बैंकों से मिलकर बना है भारतीय स्टेट बैंक (History Of SBI)

भारतीय स्टेट बैंक (History Of SBI) तीन बैंकों से मिलकर बना है। बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास तीनों बैंकों से मिलकर बना है। यह तीनों बैंक निजी क्षेत्र की बैंके थी। इन बैंकों को ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए खोला गया था। पहले इसमें निजी शेयर होल्डिंग के तहत यूरोपियन की ज्यादा हिस्सेदारी थी, लेकिन बाद में 1823 में तीनों बैंकों पर सरकार का नियंत्रण हो गया। 27 जनवरी 1921 को बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास एक साथ मिल गए, जिसके बाद इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया (History Of SBI) बना।

फिर बनाए गए सहयोगी बैंक

साल 1955 में सब्सिडियरी एक्ट आया जिसके बाद अक्टूबर में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (History Of SBI) बना। इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर(History Of SBI), स्टेट बैंक ऑफ इंदौर (History Of SBI) , स्टेट बैंक ऑफ जयपुर (History Of SBI) , स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र (History Of SBI) , स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (History Of SBI) , स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (History Of SBI) , स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक जैसे सहयोगी बैंक (History Of SBI) बने। हालांकि, 1 अप्रैल 2017 को इन सभी सहयोगी बैंकों (History Of SBI) का भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो गया।

नया नाम एसबीआई (SBI)

देश को जब औपनिवेशिक शासन से मुक्ति मिली तब तमाम संस्थाओं को देश के कार्यप्रणाली के अनुरूप ढालने की रवायत शुरू हो गई. आजादी के लगभग 8 साल 1955 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्ट 1955 लेकर आया और इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को पार्लियामेंटरी एक्ट के तहत शामिल कर लिया. इस तरह से इंपीरियल बैंक कालांतर में भारतीय स्टेट बैंक हो गया. इसके साथ ही 4 साल के बाद 10 सितंबर 1959 को THE STATE BANK OF INDIA (SUBSIDIARY BANKS) का अधिकारिक रूप से नाम दिया गया.

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