प्रदीप यादव को विधायक दल का नेता बना पार्टी ने सभी समीकरण को कर दिया सेट, मंत्री से लेकर विधायक दल के नेता के चयन में कांग्रेस ने खेला ये दांव
By making Pradeep Yadav the leader of the legislative party, the party set all the equations, Congress played this bet in the selection of the minister to the leader of the legislative party.
Pradeep Yadav : प्रदीप महतो को विधायक दल का नेता बनकर कांग्रेस ने सभी समीकरण को सेट कर दिया है। पहले दो महिला विधायक को मंत्री बनाने के बाद अब ओबीसी वर्ग से विधायक दल का नेता बनाकर ना सिर्फ जातिगत समीकरण को बैलेंस किया है, बल्कि एक सीनियर विधायक को भी बराबर का दर्जा दे दिया है।
वैसे देखा जाये तो कांग्रेस ने इस बात मंत्रिमंडल के लिए नामों के चयन से लेकर विधायक दल के नेता और उपनेता के चयन में सभी वर्गों को प्रमुखता दी है। दीपिका पांडेय जहां सामान्य वर्ग से हैं, तो वहीं शिल्पी नेहा तिर्की अनुसूचित जनजाति, राधाकृष्ण किशोर अनुसूचित जाति और इरफान अंसारी अल्पसंख्यक वर्ग से हैं। अब ओबीसी वर्ग से प्रदीप यादव को विधायक दल का नेता बनाकर हर वर्ग को कांग्रेस ने प्रतिनिधित्व दे दिया है।
इससे पहले झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने विधानसभा के स्पीकर रविंद्र नाथ महतो से मुलाकात कर उन्हें बंद लिफाफा सौंपा। लिफाफे में पार्टी आला कमान ने पोडायहाट के कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव के नाम की मोहर विधायक दल के नेता के रूप में लगा दी है, जबकि, खिजरी के कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप को विधायक दल का उपनेता बनाया गया है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने गए प्रदीप यादव पोडायहाट सीट से छठी बार चुनाव जीत कर सदन में पहुंचे हैं। जबकि, विधायक दल के उप नेता चुने गए राजेश कच्छप लगातार दूसरी बार झारखंड के खिजरी विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर सदन में पहुंचे हैं। इसके साथ ही विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की ओर से बेरमो के विधायक कुमार जय मंगल उर्फ अनूप सिंह को मुख्य सचेतक बनाया गया, जबकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो को मुख्य सचेतक बनाया गया है।
जानिये कौन हैं प्रदीप यादव
कांग्रेस विधायक दल के नेता बनाए गए प्रदीप यादव विधानसभा में गोड्डा जिले की पोड़ैयाहाट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह इस वर्ष लगातार छठी बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने पहली बार वर्ष 2000 में इस सीट से BJP प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी. इसके बाद राज्य में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में मंत्री भी बनाए गए थे।
इसके बाद 2005 में भी वह दूसरी बार बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचे. लेकिन, 2006 में जब बाबूलाल मरांडी ने BJP से अलग होकर झारखंड विकास मोर्चा (JVM) नामक पार्टी बनाई तो प्रदीप यादव इसमें शामिल हो गए। प्रदीप यादव ने 2009, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी।
2019 के चुनाव परिणाम के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे. हालांकि, सदन में उन्हें कांग्रेस के बजाय झारखंड विकास मोर्चा के विधायक के रूप में मान्यता दी गई थी. इस वर्ष उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की है।