क्या मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है ? CM हेमंत सोरेन को जारी ED के तल्ख समन के बाद अटकरें तेज, जानिये क्या है ED को अधिकार
रांची। ….तो क्या अब गिरफ्तार कर लिये जायेंगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ? ED की तरफ से जारी समन के तल्ख लहजों के बाद सियासी गलियारों में ये चर्चाएं आम हो गयी है। दरअसल शनिवार को ED की तरफ से मुख्यमंत्री को जो समन जारी किया गया है, उसकी भाषा ये बता रही है कि क्या मुख्यमंत्री को ईडी की तरफ से आखिरी समन हैं? उन्हें रविवार तक के लिए मोहलत दी गई है कि वे यह बताएं कि ईडी के अधिकारी उनसे कहां और किस स्थान पर आकर पूछताछ करेंगे। ईडी ने यह भी जिक्र किया है कि जान-बूझकर जांच से बच रहे है और ईडी की ओर से जारी किए गए समन की अवहेलना कर रहे है।
आपको बता दें कि ईडी ने पूछताछ के लिए अबतक हेमंत सोरेन को छह समन जारी किया है। ईडी ने नोटिस में यह भी लिखा है कि आपकी जो संपत्ति कब्जे में है उसके संबंध में विवरण प्राप्त करना है। ईडी की नोटिस में यह भी लिखा है कि छह समन जारी किया गया लेकिन आपकी ओर से निराधार कारण बताया गया और आप ईडी कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। इस वजह से अनुसंधान में बाधा आ रही है। जाहिर है ईडी का रुख अब कड़ा हो गया है।
अगर ईडी के अधिकार की बात करें तो उसके बाद संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति पर भी कार्रवाई करने का समुचित अधिकार है। लिहाजा ये अटकलें लगने लगी है कि इस बार अगर मुख्यमंत्री पेश नहीं हुए तो प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से बड़ा एक्शन देखने को मिल सकता है।
क्या है ईडी, कैसे करती है काम?
ईडी, एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट या प्रवर्तन निदेशालय. यह वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एक सरकारी एजेंसी है, जिसे खासतौर पर वित्तीय गबन या धोखाधड़ी की जांच करने वाली एक केंद्रीय एजेंसी के तौर पर जाना जाता है. यही जांच इस निदेशालय का प्रमुख कार्य भी है. आजादी के बाद साल 1947 में, फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट (विदेशी मुद्रा नियमन कानून) बनाया गया था, जिसपर वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स का कंट्रोल था. साल 1956 में प्रवर्तन इकाई बनी. इसी में इकनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट बना. साल 1957 में इसका नाम बदलकर डायरेक्टोरेट ऑफ एनफोर्समेंट या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट रखा गया, जो ED कहलाने लगा. साल 1960 में ED को रेवेन्यू डिपार्टमेंट में शिफ्ट कर दिया गया और तब से यह उसी में काम कर रहा है.
ईडी के पास अधिकार, कभी भी कर सकती है गिरफ्तार
एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ संपत्ति और उनके धन को जब्त करने-गिरफ्तारी करने के अधिकार हैं. ईडी गैरकानूनी वित्तीय कार्यों पर कार्रवाई कर सकती है. पीएमएलए के तहत ईडी को संपत्ति जब्त करने, छापा मारने और गिरफ्तारी का अधिकार है. ईडी की ताकत अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि एजेंसी पूछताछ के बिना भी संपत्ति जब्त कर सकती है.
क्या मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है?
क्या मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है? इसका जवाब संविधान से स्पष्ट हो जाता है. भारत के संविधान के मुताबिक, देश में केवल राष्ट्रपति और राज्यपाल ही हैं, जिन्हें कार्यकाल समाप्त होने तक दीवानी और आपराधिक कार्यवाही से छूट प्राप्त है. यह छूट प्रधानमंत्री या किसी मुख्यमंत्री को भी नहीं है. संविधान के अनुच्छेद 361 में कहा गया है कि भारत के राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में किए गए किसी भी कार्यों के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं हैं. इस प्रावधान के मुताबिक, राष्ट्रपति और राज्यपाल पर कार्यकाल के दौरान दीवानी या आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. मगर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को यह कानूनी छूट हासिल नहीं है. संविधान के सामने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को समान माना जाता है, जो कानून के समक्ष समानता के अधिकार की वकालत करता है.